अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले कुछ सालों में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और चेन्नई समेत देश के कई शहरों में मेट्रो लाइट (Metro Lite) या लाइट मेट्रो (Light Metro) दौड़ती नजर आएगी। मेट्रो की तुलना में तीन गुना सस्ती मेट्रो लाइट पर कई राज्य सरकारों और प्राधिकरण ने काम करना भी शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि अगले 2-3 साल के दौरान दिल्ली, नोएडा-ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) और चेन्नई शहर में Metro Lite ट्रेन का सफर शुरू हो जाएगा।
नोएडा- ग्रेटर नोएडा में जल्द दौड़ेगी Metro Lite
नोएडा मेट्रो रेल निगम (Noida Metro Rail Corporation) दो नए प्रस्तावित रूट (नोएडा सेक्टर-142 से बॉटेनिक गार्डन और ग्रेटर नोएडा स्थित एक्वा लाइन डिपो से बोड़ाकी रेलवे स्टेशन तक) पर लाइट मेट्रो (Light Metro) का संचालन करेगी। दोनों रूटों पर टेक्नो इक्नॉमिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट (Techno Economic Feasibility Report) तैयार करने का काम शुरू हो गया है।
बताया जा रहा है कि दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) और राइ्टस से रिपोर्ट तैयार कराने वाली कंपनियों के नाम का प्रस्ताव एनएमआरसी ने मांगा है। संभावना है कि इस सप्ताह रिपोर्ट तैयार करने के लिए कंपनी का चयन हो सकता है।
सरकार को भेजी जाएगी टेक्नो इक्नॉमिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट
य़हां पर बता दें कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्वा लाइन मेट्रो (Aqua line Metro, noida Greater Noida Metro) पर सेक्टर-142 मेट्रो स्टेशन से बॉटेनिक गार्डन मेट्रो स्टेशन तक मेट्रो लाइन की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) पहले से ही तैयार है। टेक्नो इक्नॉमिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार होने के साथ नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के माध्यम से राज्य सरकार को फाइल भेजी जाएगी।
20 फीसद कम खर्च आएगी लाइट मेट्रो पर
बताया जा रहा है कि मेट्रो निर्माण में आने वाले खर्चे पर अंशदान फाइनल होने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। लाइट मेट्रो चलने से वर्तमान लागत से करीब 20 फीसद कम खर्चा आएगा। इस फंड का प्रयोग मेट्रो के संचालन में किया जाएगा। सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा डिपो तक मेट्रो की एक्वा लाइन चल रही है।
दो नए रूटों से NMRC के लिए यात्रियों में होगा इजाफा
गौरतलब है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो (एक्वा लाइन) रूट पर प्रतिदिन करीब 30 हजार यात्री इसका लाभ ले रहे हैं। बोड़ाकी व सेक्टर-142 से बॉटेनिक गार्डन तक जुड़ने के बाद एक्वा लाइन में मुसाफिरों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। बोड़ाकी रेलवे स्टेशन के पास दादरी से मुबंई तक डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इस जगह को भी एक्वा लाइन से जोड़ने की योजना पर एनएमआरसी काम कर रहा है, जिससे एक्वा लाइन का विस्तार किया जा सके।
कुछ कंपनियों का आया प्रस्ताव
एनएमआरसी अधिकारियों के मुताबिक लाइट मेट्रो के हिसाब से टेक्नो इक्नॉमिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके लिए डीएमआरसी-राइट्स को पत्र लिखा गया था। इसमे कहा गया था कि रिपोर्ट तैयार करने वाली कुछ एक्सपर्ट कंपनी के प्रस्ताव से एनएमआरसी को अवगत कराया जाए। कुछ कंपनी के प्रस्ताव को भेजा भी गया है, लेकिन इस सप्ताह एनएमआरसी एमडी रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में टेक्नो इक्नॉमिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए कंपनी का चयन किया जा सकता है।
एक किलोमीटर ट्रैक बिछाने पर आएगा 100 करोड़ का खर्च
वर्तमान में जो मेट्रो चल रही है उसकी एलिवेटेड लाइन बिछाने में एक किलोमीटर पर 250 से 350 करोड़ रुपये का खर्च आता है। वहीं भूमिगत ट्रैक पर 700 रुपये प्रतिकिलोमीटर तक पहंच जाता है। वहीं, लाइन मेट्रो का ट्रैक का एक किलोमीटर का खर्च सिर्फ 100 करोड़ रुपये आता है। इसकी शुरुआत दिल्ली के द्वारका और तमिलनाडु के चेन्नई में की जा रही है।
जानिए लाइट मेट्रो की विशेषता
लाइट मेट्रो में तीन कोच होंगे
एक कोच में सिर्फ 300 लोग सफर कर सकेंगे।
DMRC ने 2.9 मीटर चौड़ी लाइट मेट्रो चलाने का प्रस्ताव तैयार कर नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को दे दिया है। इस रूट पर 80-90 किलोमीटर प्रति घंटे से ट्रेन दौड़ेगी। बताया जा रहा है कि लाइट मेट्रो को भी इसी रफ्तार से चलाया जा सकता है।
लाइट मेट्रो चलाने में तीन गुना कम लागत यानी 100 करोड़ रुपये से भी कम आएगी। यह सुझाव केंद्रीय शहरीवा विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कर्ज से दबे नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को दिया है।
फिलहाल मेट्रो संचालन के लिए एलिवेटेड ट्रैक बिछाने में एक किलोमीटर ट्रैक पर 350 करोड़ रुपये तक का खर्च आता है। वहीं 400 से 700 करोड़ प्रति किलोमीटर तक पहुंच जाता है. लाइट मेट्रो का एक किलोमीटर का ट्रैक बिछाने पर करीब 100 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा। भारत में इसकी शुरुआत दिल्ली के द्वारका और चेन्नई से की जा रही है।
दिल्ली में द्वारका सेक्टर 25 से कीर्ति नगर तक लाइट मेट्रो की तैयारी
नरेला से रिठाला के बीच भी लाइट मेट्रो का प्रस्ताव