#MeToo अभियान के तहत यौन शोषण के आरोपों में घिरे विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर को इस्तीफा देना पड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में सरकार सख्त कदम उठा सकती है। सूत्रों का कहना है कि मंत्रीपद के अलावा मामले की जांच पूरी होने तक भाजपा से भी इस्तीफा देना पड़ सकता है।
बता दें कि कई महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। महिला पत्रकारों का आरोप है कि जब वे अखबार के संपादक थे, तब उन्होंने उनके साथ गलत हरकत की थी। मी टू अभियान में एमजे अकबर का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस, सपा समेत तमाम विपक्षी दल भी सरकार पर दबाव बना रहे हैं और एमजे अकबर के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
बता दें कि एमजे अकबर फिलहाल नाइजीरिया में हैं। इस मामले में अब तक न तो सरकार की ओर से और न ही एमजे अकबर की ओर से कोई सफाई दी गई है। सूत्रों का कहना है कि एमजे अकबर पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद सरकार में भारी बेचैनी है और उनका असमर्थनीय बचाव नहीं किया जा सकता है। बता दें कि आज एमजे अकबर नाइजीरिया से भारत लौटेंगे, उनके आते ही उनसे मंत्री पद छोड़ने के लिए कहा जा सकता है।
बता दें कि प्रिया रमानी और प्रेरणा सिंह बिंद्रा नाम की दो महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। प्रिया रमानी ने एमजे अकबर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने होटल के एक कमरे में इंटरव्यू के दौरान कई महिला पत्रकारों के साथ आपत्तिजनक हरकतें की है। वहीं, बिंद्रा ने कहा है कि उनके साथ हुई घटना 17 साल पुरानी है और सबूत न होने कारण वे चुप रहीं थीं। उन्होंने बताया कि एमजे अकबर उनसे अश्लील टिप्पणियां किया करते थे। इन दो महिला पत्रकारों के अलावा कई अन्य महिला पत्रकार भी एमजे अकबर के खिलाफ सामने आई हैं।