पंजाब कैबिनेट बैठक में लिए गये कई अहम फैसले, दिव्यांगजन शक्ति योजना को मिली मंजूरी

पंजाब कैबिनेट बैठक में लिए गये कई अहम फैसले, दिव्यांगजन शक्ति योजना को मिली मंजूरी

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को कई अहम फैसलों पर मोहर लगी। कैबिनेट ने सामाजिक सुरक्षा और महिला और बाल विकास विभाग द्वारा दिव्यांगों को सशक्त करने के लिए शुरू की दिव्यांगजन शक्ति योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना का उद्देश्य विकलांगों को चरणबद्ध तरीके से एक बाधा रहित वातावरण प्रदान करना है।

इसके अलावा पंजाब कैबिनेट ने पंजाब राज्य काउंसिल फार एग्रीकल्चर एजुकेशन एक्ट 2017 को 30 जून 2021 तक के लिए बढ़ाने का फैसला लिया है। कैबिनेट ने यह फैसला कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए लिया है। पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर एजुकेशन का मुख्य उद्देश्य राज्य में कॉलेजों/विश्वविद्यालयों द्वारा कृषि शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानकों और दिशा निर्देशों को तय करना है। यह कानून जनवरी 2018 में अधिसूचित किया गया था और 1 जनवरी, 2020 तक कृषि शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों द्वारा न्यूनतम मानकों को पूरा करने की आवश्यकता थी।

साथ ही कैबिनेट ने प्रवासी कामगार (रोज़गार के नियम और सेवा की शर्तों) पंजाब नियम, 1983 के नियम 14 में संशोधन करने और नया नियम 53 -ए शामिल करन की मंज़ूरी दे दी। पंजाब जेल विकास बोर्ड नियम, 2020 को भी मंज़ूरी दे दी गई है। पंजाब जेल विकास बोर्ड एक्ट 2020 (पंजाब एक्ट नंबर 10 आफ 2020) के अंतर्गत बोर्ड का उद्देश्य रोज़मर्रा के कामकाज को आसान बनाना है। ओएसडी (लिटीगेशन) के वेतन में 20 प्रतिशत वृद्धि को भी मंजूरी मिल गई है। यह विस्तार 20 प्रतिशत करते 50,000 रुपये से बढ़ाकर 60000 रुपये कर दिया गया है।

पंजाब राज्य काउंसिल फार एग्रीकल्चर एजुकेशन एक्ट की अवधि बढ़ाई-

इसके साथ ही पंजाब कैबिनेट ने पंजाब राज्य काउंसिल फार एग्रीकल्चर एजुकेशन एक्ट 2017 को 30 जून 2021 तक के लिए बढ़ाने का फैसला लिया है। कैबिनेट ने यह फैसला कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए किया है। पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर एजुकेशन का मुख्य उद्देश्य राज्य में कॉलेजों/विश्वविद्यालयों द्वारा कृषि शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानकों और दिशा निर्देशों को तय करना है। यह कानून जनवरी 2018 में अधिसूचित किया गया था और 1 जनवरी, 2020 तक कृषि शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों द्वारा न्यूनतम मानकों को पूरा करने की आवश्यकता थी।

अतिरिक्त उधार लेने के लिए पंजाब कैबिनेट ने किया नियमों में संशोधन-

जीएसडीपी का दो प्रतिशत अतिरिक्त उधार लेने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से लगाई शर्त को पूरा करने के लिए मंत्री मंडल ने बुधवार को अंतरराज्जीय प्रवासी कामगार (रोजगार के नियम और सेवा की शर्तें) पंजाब नियम, 1983 के नियम 14 में संशोधन करने और नया नियम 53-ए शामिल करने की मंजूरी दे दी। उद्योगपतियों की तरफ से उठाई मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व अधीन कैबिनेट ने अंतरराज्यीय प्रवासी कामगार (रोजग़ार के नियम और सेवा की शर्तें) पंजाब नियम, 1983 में नया नियम 53 -ए शामिल करने का फैसला किया है। इससे उद्योगों के पालना करने के बोझ को घटाने के लिए इलेक्ट्रानिक /डिजिटल फॉर्मेट में रजिस्टरों को बनाई रखने की आज्ञा दे दी है। यह निवेश समर्थक पहलकदमी रिकार्ड के डिजलिटाइजेशन को बढ़ावा देने से पारदर्शिता और रिकार्ड तक सुविधाजनक पहुंच बनाए रखने में मदद करेगी।

पंजाब जेल विकास बोर्ड नियम 2020 को मंजूरी-

मंत्रिमंडल ने पंजाब जेल विकास बोर्ड नियम, 2020 को भी मंजूरी दे दी। पंजाब जेल विकास बोर्ड एक्ट 2020 (पंजाब एक्ट नंबर 10 आफ 2020) के अंतर्गत बोर्ड का उद्देश्य रोज़मर्रा के कामकाज को आसान बनाना है। तेलंगाना राज्य की तर्ज पर पंजाब जेल विकास बोर्ड एक्ट, 2020 (पंजाब एक्ट नंबर 10 आफ 2020) 17 अप्रैल 2020 को नोटीफायी किया गया था। इसका उद्देश्य कैदियों को रचनात्मक कामों वाले तरफ़ लगा कर कैदियों आधारित आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाते स्वर्निर्भर माडल को अपनाना है।

इसका मंतव्य कैदियों के मनोवैज्ञानिक सुधार, कौशल आदि का अलग-अलग सुधार और भलाई की गतिविधियों के लिए फंड स्रोत पैदा करना है। इससे राज्य के खजाने पर बोझ घटेगा। बता दें कि इसी साल 8 सितंबर को हुई नोटिफिकेशन से पंजाब जेल विकास बोर्ड मुख्यमंत्री की अध्यक्षता अधीन स्थापित किया गया था।

ओएसडीज (लिटीगेशन) की एकमुश्त तनख्वाह में 20 प्रतिशत वृद्धि-

कैबिनेट ने अलग-अलग विभागों में काम करते ओएसडीज (लिटीगेशन) की एकमुश्त तनख़्वाह /रिटेनरशिप में वृद्धि को मंजूरी दे दी। यह वृिद्ध 20 प्रतिशत होगी। इस तरह उनका वेतन 50,000 रुपये से बढ़ा कर 60,000 रुपये कर दिया गया है। पंजाब सिविल सचिवालय में मुख्य सचिव दफ्तर, आम राज प्रबंध, गृह मामले और न्याय, जल स्रोत, सामाजिक न्याय, सशक्तिकरन और अल्पसंख्यक, ग्रामीण विकास एवं पंचायत, खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता मामले, लोकनिर्माण, जल सप्लाई और सेनिटेशन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और शिक्षा विभागों में ओएसडी (लिटीगेशन) के 11 अस्थायी पदों की रचना की गई थी।

शुरुआत में ओएसडी (लिटीगेशन) को 35,000 रुपये निश्चित वेतन दी जाती थी। इसके बाद 5 दिसंबर 2016 को कैबिनेट मीटिंग में लिए फ़ैसले के अनुसार वेतन बढ़ाते हुए 35,000 रुपये से बढ़ा कर 50,000 रुपये प्रति महीना कर दी थी।

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