Madhya Pradesh News बेटियां एक नहीं, दो-दो घरों की इज्जत बढ़ाती हैं, इसलिए बेटियों को बोझ न समझें और उन्हें वह हर खुशी दें, जिसकी वे हकदार हैं। बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले के हरपुरा मड़िया गांव ने इसे सिर्फ विचार तक सीमित नहीं रखा, बल्कि शिद्दत से अपनाया है। यहां बेटियों के जन्म पर लोग जश्न मनाते हैं। बधाइयों का दौर चलता है। महिलाएं मंगलगीत गाती हैं और जमकर नाच-गाना होता है।
टीकमगढ़ जिले का लिंगानुपात 1000 पुरुषों पर 901 महिलाओं का है, जबकि 2300 की आबादी वाले हरपुरा मड़िया गांव में 1000 पुरुषों पर करीब 1096 महिलाएं हैं। भ्रूण लिंग परीक्षण जैसी बात तो यहां सुनाई भी नहीं देती।
98 वर्षीय शुगररानी जब नातिनों और बेटियों के किस्से सुनातीं हैं तो उनका चेहरा खुशी से खिल उठता है। वह कहतीं हैं कि हमारी बेटियां आज बेटों की तरह कंधे से कंधा मिलाकर चल रहीं हैं। दस बेटियों की मां सुधा चौबे कहती हैं कि आज लोग एक बेटी को बोझ समझते हैं, जबकि मैंने अपनी बेटियों को बेटों की तरह परवरिश दी है। आज सात बेटियां शादी के बंधनों में बंंधकर दूसरे परिवारों की मान-मर्यादा संवार रही हैं।
जन्म पर मनाते हैं जश्न
इस गांव में जब किसी परिवार में बेटी जन्मती है तो बधाइयों का लंबा दौर चलता है। हाल ही में सोन सिंह के यहां पर पुत्री का जन्म हुआ। नाम रखा गया जमना। गांव की महिलाओं ने आंगन में मंगल गीत गाए। नाच-गाना किया। गांव की बेटी का जब रिश्ता किया जाता है, सभी से सलाह ली जाती है।
लड़के के परिवार के बारे में चर्चा होती है। गांव के सनदकुमार चौबे बताते हैं कि पांच भाइयों के उनके परिवार में 21 बेटियां है। स्वयं उनकी पांच बेटियां और दो बेटे हैं। गांव के रमेश राजपूत के घर में छह और इंद्रल राजपूत के घर में छह बेटियां हैं।
सुविधाओं से वंचित है बेटियों का यह गांव
सुनैना राजपूत, भावना, आराधना राजपूत व चांदनी लोधी ने बताया कि गांव में आठवीं तक स्कूल है, जिससे यहां से दूरस्थ गांव खिरिया के लिए हाईस्कूल की पढ़ाई करने जाना पड़ता है। गांव के बुजुर्ग कहते हैं कि हम अपनी बेटियों को इतना मान सम्मान देते हैं। सरकार को भी चाहिए कि उसकी योजनाओं का लाभ हमारी बेटियों को मिले।
पंचायत को पुरस्कृत कराया जाएगा
‘नारी सशक्तीकरण के क्षेत्र में हरपुरा मड़िया एक आदर्श गांव बने, इसके लिए भी पहल की जाएगी। शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा और ग्राम पंचायत को पुरस्कृत कराने का प्रयास होगा।”
-डीके दीक्षित, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, टीकमगढ़