पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों से घिरीं तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा मामले में आचार संहिता समिति की रिपोर्ट शुक्रवार को लोकसभा में प्रस्तुत की जा सकती है। समिति की रिपोर्ट में मोहुआ के लोकसभा से निष्कासन की सिफारिश की गई है। तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि उन्होंने स्पीकर ओम बिरला से बात की है और उन्होंने कहा है कि आचार संहिता की रिपोर्ट समेत कुछ अन्य रिपोर्ट शुक्रवार को पेश की जाएंगी।
समिति की सिफारिशों पर चर्चा की मांग
गौरतलब है कि पहले इसे मौजूदा सत्र के पहले ही दिन यानी चार दिसंबर को पेश करने की बात थी, लेकिन एजेंडे में सूचीबद्ध किए जाने के बावजूद इसे पटल में नहीं रखा गया था। विपक्षी दलों के कई सदस्यों ने समिति की सिफारिशों पर चर्चा की मांग की है और इसके बाद ही कोई फैसला लेने के लिए कहा है।
रिपोर्ट के मसौदे को महज ढाई मिनट में स्वीकार कर लिया गया
बसपा के लोकसभा सदस्य दानिश अली ने गुरुवार को कहा कि अगर इस रिपोर्ट को पटल पर रखा जाता है तो हम पूर्ण चर्चा की मांग करेंगे। अली ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट के मसौदे को महज ढाई मिनट में स्वीकार कर लिया गया। भाजपा सांसद दिलीप घोष ने कहा कि आज या कल तो यह रिपोर्ट आनी ही है। यह रिपोर्ट शुक्रवार आ जाए तो अच्छा है।
निष्कासन की सिफारिश की गई
भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने नौ नवंबर को रिपोर्ट स्वीकार की थी। इसमें पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप में महुआ को दोषी माना गया है और उनके निष्कासन की सिफारिश की गई है। समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया था, जिनमें कांग्रेस सांसद परणीत कौर भी शामिल हैं, जिन्हें पार्टी निलंबित कर चुकी है।
शिकायत दर्ज कराई
जबकि विपक्षी दलों के चार सदस्यों ने रिपोर्ट पर अपनी असहमति दर्ज कराई थी। विपक्षी सांसदों का कहना है कि यह रिपोर्ट एक फिक्स्ड मैच है। उनका कहना है कि मोहुआ के खिलाफ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने यह जो शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने (महुआ ने) पैसे और उपहार लेकर अदाणी समूह की छवि खराब करने के लिए सवाल पूछे, उसके समर्थन में पक्के सुबूत प्रस्तुत नहीं किए गए। मोहुआ को तभी लोकसभा से निष्कासित किया जा सकता है जब सदन इस रिपोर्ट के पक्ष में मतदान करे।