भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) की 18वीं बैठक में दोनों देशों ने इसकी पुष्टि की है वे पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर पूरी ईमानदारी से काम करते रहेंगे। पिछली बार 24 जुलाई को हुई ऐसी ही एक बैठक में दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के अनुसार शांति बहाली पर सहमति बनी थी। इसके तहत दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाने और शांति स्थापना के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा से सेना को पूरी तरह से हटाने पर सहमत हुए थे। इस दौरान एलएसी पर दोनों पक्षों के बीच चल रहे तनाव के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई थी। पिछली बैठक में द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के अनुसार शांति बहाली पर सहमति बनी थी।
सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से संबंधों को जारी रखने पर भी सहमति
साप्ताहिक वर्चुअल प्रेस वार्ता में बोलते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत और चीन ने सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से संबंधों को जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की है। पिछले हफ्ते WMCC की 18वीं बैठक में दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में मौजूदा स्थिति पर स्पष्ट और गहन विचार-विमर्श किया था। दोनों पक्ष जुलाई में अपनी बातचीत के दौरान दो विदेश मंत्रियों और दो विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) के बीच हुए समझौतों के अनुसार पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ सैनिकों की पूर्ण विघटन की दिशा में ईमानदारी से काम करना जारी रखेंगे।
सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाली द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए जरूरी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा कि इस बैठक में दोनों पक्षों ने मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार अन्य मुद्दों को भी तेजी से हल करने पर सहमति व्यक्त की है। दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति की पूर्ण बहाली द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए जरूरी होगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से अपनी भागीदारी जारी रखने पर सहमति व्यक्त की है। प्रवक्ता ने कहा कि मैं आपको विदेश मंत्री एस जयशंकर के हालिया साक्षात्कार के बारे में भी बताऊंगा, जिसमें उन्होंने अतीत की विभिन्न घटनाओं का जिक्र किया है। इसमें उन्होंने कहा था कि सभी सीमाओं की स्थिति को कूटनीति के माध्यम से हल किया गया था।