स्वतंत्रता दिवस से 3 दिन पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष विज्ञान में नया इतिहास रचने की तैयारी कर रहा है। ISRO पहली बार धरती की निगरानी करने वाले देश के पहले सैटेलाइट की लॉन्चिंग करेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 12 अगस्त को सुबह 5.43 बजे पर उपग्रह EOS-03 का प्रक्षेपण किया जाएगा। इसरो के इस सैटेलाइट लॉन्चिंग से मौसम संबंधी जानकारियों को समझने में और अधिक जानकारी प्राप्त होगी।
अंतरिक्ष में बढ़ेगी भारत की ताक
उपग्रह EOS-03 की लॉन्चिंग के सफल होने से अंतरिक्ष में भारत की धाक में बढ़ोतरी होगी। उपग्रह EOS-03 भारतीय उपमहाद्वीप में बाढ़ और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी में सक्षम होगा। इसरो ने बताया है कि उपग्रह EOS-03 काफी उन्नत श्रेणी का सैटेलाइट है, जिसे जीएसएलवी एफ 10 यान की मदद से धरती की कक्षा में प्रक्षेपित किया जाने वाला है।
रीयल टाइम इमेजिंग में मिलेगी मदद
इसरो के मुताबिक यह सैटेलाइट अपने संबंधित क्षेत्रों की रीयल-टाइम इमेजिंग देगा और इसका उपयोग प्राकृतिक आपदाओं, अल्पकालिक घटनाओं की निगरानी के लिए भी किया जा सकता है। इसके अलावा कृषि, वानिकी, खनिज विज्ञान, आपदाओं की चेतावनी और समुद्र विज्ञान से संबंधित जानकारी देने का काम करेगा।
इसरो ने इस साल भेजे ब्राजील के सैटेलाइट
इस साल 28 फरवरी को भी इसरो ने पहले मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। भारत का रॉकेट 28 फरवरी को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पहली बार ब्राजील का उपग्रह लेकर अंतरिक्ष में रवाना हुआ था। ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों को लेकर भारत के पीएसएलवी सी-51 ने श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी थी।