कानपुर में आईपीएस सुरेंद्र कुमार दास के खुदकुशी मामले में दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे पर लगाए गए आरोप एसपी पश्चिम संजीव सुमन की जांच में खोखले साबित हुए। आईपीएस के परिजनों और उनकी पत्नी डॉ. रवीना के माता-पिता से पूछताछ के बाद फाइल बंद कर दी गई। एसपी तीन-चार दिन में अपनी रिपोर्ट आला अफसरों को सौंप देंगे।
आईपीएस सुरेंद्र कुमार दास (31) ने चार सितंबर को कैंट स्थित सरकारी आवास में जहर खा लिया था। नौ सितंबर को उनकी सर्वोदय नगर स्थित रिजेंसी अस्पताल में मौत हो गई थी। इसके देहांत बाद दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए। बड़े भाई नरेंद्र ने भाई की मौत के लिए उसकी पत्नी डॉ. रवीना को जिम्मेदार ठहराया। आरोप लगाया कि रवीना सुरेंद्र को परिवार से अलग करना चाहती थी।
सुरेंद्र को इतना प्रताड़ित किया गया कि उसे जान देने के अलावा कोई और रास्ता नहीं सूझा। इसके बाद डॉ. रवीना के पिता डॉ. रावेंद्र सिंह और मां डॉ. रीता ने चुप्पी तोड़ी। आरोप लगाया कि सुरेंद्र से अक्सर उसके परिजन रुपये मांगते थे। उनकी बढ़ती अपेक्षाओं से सुरेंद्र परेशान थे।
एसपी पश्चिम को सौंपी गई जांच
एडीजी ने एसपी पश्चिम संजीव सुमन (आईपीएस) को आईपीएस के खुदकुशी मामले की जांच सौंप थी। इस पर दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए गए। सुरेंद्र के घर से मिले सुसाइट नोट, उनका लैपटॉप और मोबाइल जांच के लिए फोरेंसिक लैब लखनऊ भेजा गया। हैंड राइटिंग एक्सपर्ट की जांच में साफ हो गया है कि सुसाइड नोट सुरेंद्र ने ही लिखा था।