तीन बार आइपीएल का खिताब जीत चुकी चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के लिए आगामी सत्र भी चुनौतियों से भरपूर रहेगा। सीएसके की टीम हर सत्र में चर्चा में बनी रही है। कभी उसे दो साल के लिए निलंबित किया गया, तो कभी उसे बूढ़ों की सेना कहा गया। अब यह सत्र शुरू होने से पहले टीम के 13 सदस्य कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए और सुरेश रैना निजी कारणों से यूएई से वापस भारत लौट आए। अब देखना होगा कि इन चुनौतियों के बीच सीएसके की टीम कैसे रंग जमा पाती है।
धौनी पर होंगी निगाहें
13वें सत्र में सभी की नजरें महेंद्र सिंह धौनी पर होंगी, जिन्होंने पिछले महीने ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा था। धौनी एक साल से भी ज्यादा समय के बाद क्रिकेट के मैदान पर उतरेंगे। प्रशंसकों को उनके हेलीकॉप्टर शॉट को देखने का बेसब्री से इंतजार है। वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर और सीएसके के स्टार खिलाड़ी ड्वेन ब्रावो ने हाल में कहा था कि धौनी इस टीम में भी बदलाव को उसी तरह संभालेंगे, जिस तरह से उन्होंने भारतीय टीम में संभाला था।
सीएसके की ताकत
धौनी सीएसके कीसबसे मजबूत कड़ी होंगे क्योंकि वह लंबे समस से टीम का हिस्सा हैं। इतना ही नहीं, धौनी को हर खिलाड़ी की जिम्मेदारी पता है और वह उस खिलाड़ी से प्रदर्शन कराना जानते हैं। उन्हें अपने खिलाडि़यों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन निकलवाने का श्रेय दिया जाता है। टी-20 क्रिकेट में लेग स्पिनर काफी सफल माने जाते हैं और जब एक टीम में पांच लेग स्पिनर हों तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि यूएई में धीमे विकेटों पर यह क्या कमाल करेंगे। सीएसके के पास इमरान ताहिर, पीयूष चावला और कर्ण शर्मा के रूप में दायें हाथ के लेग स्पिनर हैं। वहीं, मिशेल सेंटनर और रवींद्र जडेजा के रूप में उसके पास बायें हाथ के लेग स्पिनर हैं। इसके अलावा उसके पास बल्लेबाजों में फाफ डुप्लेसिस, अंबाती रायुडू, शेन वॉटसन जैसे बड़े नाम हैं, जिनके पास काफी अनुभव है।
सीएसके की कमजोरी
सीएसके ने हमेशा से ठोस शुरुआत पर भरोसा किया है। इसके बाद सुरेश रैना नंबर तीन पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करते आ रहे थे, लेकिन रैना का टीम में नहीं होना ही बड़ी कमजोरी है। इसी तरह अनुभवी स्पिनर हरभजन सिंह भी इस सत्र में नहीं खेलेंगे, जिससे टीम का संतुलन थोड़ा प्रभावित होगा। वह न केवल विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं, बल्कि बल्ले से कुछ अच्छे शॉट भी मार सकते हैं। हरभजन के अलावा टीम में कोई ऑफ स्पिनर है ही नहीं। परेशानी का एक और कारण यह है कि रैना के अलावा टीम में कोई बायें हाथ का बड़ा बल्लेबाज नहीं है।
युवाओं पर रहेगी नजर
किसी भी युवा के लिए सीएसके की टीम में चुना जाना किसी सपने से कम नहीं रहता है। धौनी को अगर एक बार किसी युवा में काबिलियत नजर आती है तो वह उसको मौका देने से कतराते नहीं है। ऐसे में रांची के तेज गेंदबाज मोनू कुमार के लिए यहां बड़ा मौका होगा। इसके अलावा रैना के नहीं रहने से पुणे के युवा बल्लेबाज रुतुराज गायकवाड़ भी खुद को आइपीएल मंच पर साबित करना चाहेंगे।
टीम : महेंद्र सिंह धौनी (कप्तान/विकेटकीपर), ड्वेन ब्रावो, फाफ डुप्लेसिस, शेन वॉटसन, रवींद्र जडेजा, अंबाती रायुडू, पीयूष चावला, केदार जाधव, कर्ण शर्मा, इमरान ताहिर, दीपक चाहर, शार्दुल ठाकुर, लुंगी नगिदी, मिशेल सेंटनर, सैम कुर्रन, मुरली विजय, जोश हेजलवुड, रुतुराज गायकवाड़, जगदीसन एन (विकेटकीपर), केएम आसिफ, मोनू कुमार, आर साई किशोर।