इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) के अधूरे सरकारी रोड प्रोजेक्ट्स को उबारने के लिए सरकार योजना तैयार कर रही है. इस बारे में सभी प्रोजेक्ट्स के निपटारे की मोटे तौर पर योजना बन गई है. NHAI अधूरे प्रोजेक्ट में किए गए काम का इंडिपेंडेंट वेल्यूएशन कराएगी. उसी वेल्यूएशन के आधार पर IL&FS को पेमेंट किया जाएगा. बाकी का काम नया टेंडर जारी कर दूसरे कॉन्ट्रैक्टर्स से पूरा कराया जाएगा. इस मामले में 22 अप्रैल को IL&FS के एमडी सीएस राजन और NHAI के चेयरमैन एन एन सिन्हा के बीच बैठक हुई थी.
इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) के अधूरे सरकारी रोड प्रोजेक्ट्स को उबारने के लिए सरकार योजना तैयार कर रही है. इस बारे में सभी प्रोजेक्ट्स के निपटारे की मोटे तौर पर योजना बन गई है. NHAI अधूरे प्रोजेक्ट में किए गए काम का इंडिपेंडेंट वेल्यूएशन कराएगी. उसी वेल्यूएशन के आधार पर IL&FS को पेमेंट किया जाएगा. बाकी का काम नया टेंडर जारी कर दूसरे कॉन्ट्रैक्टर्स से पूरा कराया जाएगा. इस मामले में 22 अप्रैल को IL&FS के एमडी सीएस राजन और NHAI के चेयरमैन एन एन सिन्हा के बीच बैठक हुई थी.
NHAI ने अतिरिक्त पेमेंट से इनकार किया- इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) ने डेट ड्यू के अलावा भी अतिरिक्त पैसों की मांग की. लेकिन NHAI ने किसी भी तरह के अतिरिक्त पेमेंट से इनकार कर दिया. NHAI ने साफ किया कि सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से 9 मार्च को जारी गाइडलाइंस के आधार पर ही हल खोजा जाएगा. 15 मई तक प्रोजेक्ट्स का वेल्यूएशन कराने पर चर्चा हुई है. इस बैठक में तय किया गया कि जोजीला सुरंग प्रोजेक्ट पर IL&FS NCLT में अर्जी देगी. ताकि सरकार बैंक गारंटी को भुना सके. अगर IL&FS, NCLT में अर्जी नहीं देती है तो उसके Z मोड़ सुरंग प्रोजेक्ट के पेमेंट से भरपाई कर ली जाएगी.
सब-कॉन्ट्रैक्टर्स का भुगतान नहीं करेगी NHAI- इस प्रोजेक्ट के लिए IL&FS ने 122 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी दी थी. अब इस प्रोजेक्ट को सरकार नए कॉन्ट्रैक्टर से पूरा कराएगी. जम्मू-कश्मीर के ही चेनानी-नाशरी टनल को लेकर भी दोनों पक्षों में चर्चा हुई. NHAI ने साफ किया कि IL&FS ही प्रोजेक्ट के बकायेदारों का भुगतान करेगी. सरकार किसी भी तरह सब-कॉन्ट्रैक्टर्स और सप्लायर्स का बकाया नहीं चुकाएगी. कई कॉन्ट्रैक्टर्स ने बकाये को लेकर IL&FS को कोर्ट में खींचा है. जम्मू कश्मीर के ही Z मोड़ सुरंग को लेकर भी हल निकालने पर बात हुई. जिसमें तय किया गया कि जितना काम हुआ है उसके हिसाब से पेमेंट किया जाएगा. 6.5 किमी लंबे प्रोजेक्ट से श्रीनगर-कारगिल में हर मौसम में सफर किया जा सकेगा.
IL&FS पर 90 हजार करोड़ का कर्ज- 2020 तक पूरा होना था. लेकिन अब तक आधा ही काम हो पाया है. महाराष्ट्र के खेड़-सिन्नार एक्सप्रेस-वे का बाकी का काम IL&FS ने NHAI से हाथ में लेने की गुजारिश की है. 138 किमी के इस प्रोजेक्ट के सेटलमेंट के लिए IL&FS और NHAI अधिकारी जल्द मीटिंग करेंगे. इसी तरह झारखंड और पश्चिम बंगाल के बरवा-अड्डा- पानागढ़ प्रोजेक्ट को भी IL&FS ने NHAI से हाथ में लेने के लिए कहा है. 123 किमी के इस प्रोजेक्ट में सड़क को चौड़ा कर 6 लेन में बदलने का काम ITNL को दिया गया था. बीते साल IL&FS के आर्थिक संकट में फंसने के बाद कंपनी का मैनेजमेंट सरकार की ओर से नियुक्त बोर्ड के पास दे दिया गया है. IL&FS पर करीब 90,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.