कोविड-19 दूषित वस्तुओं और कमरों से और भी फैल रहा है। यही वजह है कि लोग ऐसी जगहों पर सांस लेने या किसी भी चीज को छूने से डरते हैं। इसे देखते हुए इन जगहों पर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लिक्विड सैनिटाइजिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि, इसमें केमिकल रिएक्शन होने का जोखिम है। इसी समस्या का हल आईआईटी कानपुर ने तलाशा है, ताकि कोरोना को मात दी जा सके।
इमेजनरी लेबोरेटरी, आई.आई.टी कानपुर ने शुद्ध (स्मार्टफ़ोन संचालित हैंडी अल्ट्रावॉयलेट डिसइन्फ़ेक्शन हेल्पर) नामक एक UV सैनिटाइज़िंग उत्पाद विकसित किया है। एक एंड्रॉइड एप्लिकेशन इंस्टॉल करके अपने स्मार्टफोन के जरिए उत्पाद के ऑन/ऑफ, गति और स्थान को दूरस्थ से ही नियंत्रित किया जा सकता है।
शुद्ध में 15 वाट की छह यूवी लाइट्स हैं, जिन्हें व्यक्तिगत रूप से दूर से ही नियंत्रित किया जा सकता है। प्रारंभिक परीक्षण ने साबित कर दिया है कि अपने पूर्ण ऑपरेशन में यह डिवाइस लगभग 15 मिनट में ही 10×10 वर्ग फुट के कमरे को कीटाणुरहित कर सकता है। आईआईटी कानपुर के प्रो. जे. रामकुमार, डॉ. अमनदीप सिंह और शिवम सचान का मानना है कि शुद्ध अत्यधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों, जैसे अस्पताल, होटल, मॉल, कार्यालय, स्कूल आदि में कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने में काफी सहायता कर सकता है।