यदि करना है फैट को कम, तो रोजाना करें ये योगासन, मिलेगा छुटकारा

यदि करना है फैट को कम, तो रोजाना करें ये योगासन, मिलेगा छुटकारा

आज सोमवार के लाइव योगा सेशन में हमने कमर के दर्द और फैट को कम करने वाले कई खास योगाभ्‍यास सीखे. इनमें चक्रासन,त्रिकोण आसन, पश्चिमोत्तानासन आदि कई महत्‍वपूर्ण योगाभ्‍यास किए. इन्‍हें करने से जहां पाचन से संबंधित कई समस्‍याएं दूर होती हैं, वहीं ये योगासन (Yoga Posture) शरीर को मजबूत भी बनाते हैं. नियमित रूप से योग करने से शरीर में एनर्जी (Body Energy) का संचार तो होता ही है. इन्‍हें करने से कई प्रकार की बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है. योग से व्यक्तित्व में भी विकास आता है. इन व्यायाम को करने से शरीर का लचीलापन भी बढ़ता है और मोटापा घटता है.

त्रिकोणासन

त्रिकोणासन के अभ्यास से शरीर के कई अंग शामिल होते हैं जिससे उन्हें अच्छे से स्ट्रेच किया जा सकता है. हिप्स, कमर, बाजू, कंधे, हैम्स्ट्रिंग, काव्स, पैर और फोरआर्म्स की मसल्स इस आसन के अभ्यास के दौरान काम करती हैं. यह योग मुद्रा आपके बॉडी पोस्चर को बेहतर करने में मदद करता है. यह आसन मांसपेशियों को फैलाने और नियमित शारीरिक फंक्शन में सुधार करने के लिए जाना जाता है.

त्रिकोणासन के फायदे

  • पैरों, घुटनों, एड़ी यानी एंकल्स, बाजुओं और सीने को मजबूत करने में मदद करता है.
  • इस आसन की मदद से कूल्हों, हैमस्ट्रिंग, काव्स, कंधों, सीने और रीढ़ को स्ट्रेच करता है और इन्हें खोलता है.
  • मानसिक और शारीरिक संतुलन को बढ़ाता है.
  • पाचन में सुधार करने में मदद करता है.
  • चिंता, तनाव, पीठ दर्द को कम करता है.
  • अगर इसका अभ्यास सही तरीके से किया जाए तो यह कंधों के अलाइनमेंट को सही रखता है और इन्हें बेहतर शेप में लाने में मदद करता है.
  • नियमित रूप से त्रिकोणासन का अभ्यास गर्दन के दर्द से आराम दिलाने में मदद कर सकता है.

चक्रासन

इस आसन को करते समय हथेलियों को नीचे स्पर्श करते समय जल्दबाजी न करें. चक्रासन करने के कई लाभ होते हैं. इस आसन के अभ्यास से पेट की गड़बड़ियां दूर होती हैं. साथ ही कमर पतली और लचकदार बनती है. इस आसन से बांहों की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं. टांगें, घुटने चुस्त होते हैं. जांघें और पिण्डलियां भी मजबूत बनती हैं. इसके अलावा इसे करने से बांहों का ऊपरी भाग भी सशक्त होता है. पेट की चर्बी कम होती है.

पश्चिमोत्तानासन

पश्चिमोत्तानासन योग का नाम दो शब्दों के मेल से बना है- पश्चिम और उत्तान. पश्चिम यानी पश्चिम दिशा या शरीर का पिछला हिस्सा और उत्तान मतलब खिंचा हुआ. रीढ़ की हड्डी के दर्द से निजात पाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को पश्चिमोत्तानासन योग करना चाहिए. इस आसन का अभ्यास करते समय शरीर के पिछले हिस्से यानी रीढ़ की हड्डी में खिंचाव उत्पन्न होता है, इस कारण इस आसन को पश्चिमोत्तानासन कहा जाता है. इस आसन को करने से शरीर का पूरा हिस्सा खिंच जाता है और यह शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है. जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या होती है, उनके लिए पश्चिमोत्तानासन रामबाण की तरह काम करता है और इस रोग के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है. इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रसित लोगों के लिए भी यह आसन बहुत फायदेमंद माना जाता है.

पश्चिमोत्तानासन के फायदे

  • तनाव दूर करने में फायदेमंद
  • पेट की चर्बी दूर करने में मददगार
  • हड्डियों को लचीला बनाने में कारगर
  • बेहतर पाचन के लिए फायदेमंद
  • अनिद्रा की समस्या को दूर करता है

मलासन

मल निकालते वक्त हम जिस अवस्था में बैठते हैं उसे मलासन कहते हैं. बैठने की यह स्थति पेट और पीठ के लिए बहुत ही लाभदायक रहती है. इसे करने के लिए सबसे पहले दोनों घुटनों को मोड़ते हुए मल त्याग करने वाली अवस्था में बैठ जाएं. फिर दाएं हाथ की कांख को दाएं और बाएं हाथ की कांख को बाएं घुटने पर टिकाते हुए दोनों हाथ को मिला दें (नमस्कार मुद्रा). उक्त स्थिति में कुछ देर तक रहने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं.

मलासन के फायदे

  • मलासन से घुटनों, जोड़ों, पीठ और पेट का तनाव खत्म होता है और इनका दर्द कम होता है. इससे कब्ज और गैस की समस्या से भी मुक्ति मिलती है.

शशकासन

शशकासन को करते वक्त व्यक्ति की खरगोश जैसी आकृति बन जाती है इसीलिए इसे शशकासन कहते हैं. इसे करने के लिए सबसे पहले बैठ जाएं. अब अपने दोनों हाथों को श्वास भरते हुए ऊपर उठा लें. इसके बाद सामने की ओर झुकते हुए दोनों हाथों को आगे समानांतर फैलाते हुए हथेलियां को जमीन पर टिका दें. इसके बाद अपना माथा भी जमीन पर टिका दें.

शशकासन के फायदे

यह आसन पेट, कमर और हिप के फैट को कम करके आंत, यकृत और गुर्दों को मजबूती देता है. इस आसन के नियमित अभ्यास से तनाव, क्रोध, चिड़चिड़ापन आदि भी दूर होते हैं. इस आसन को करने से मन भी शांत रहता है. अगर पेट या सिर संबंधी कोई समस्या हो तो इस आसन को न करें.

सर्वांग पुष्टि आसन

सर्वांग पुष्टि आसन के लिए मैट पर दोनों पैर फैलाकर सीधे खड़े हो जाएं. मुट्ठी इस तरह बंद करें कि अंगूठा दिखाई ना दे. अब दोनों हाथों को नीचे झुकाकर बाएं टखने के पास बायां हाथ नीचे और दायां हाथ कलाई के ऊपर रखें. सांस भरते हुए धीरे-धीरे दोनों हाथों से ऊपर की ओर बाएं कन्धे के बाजू से सिर तक ले जाएं और दाएं टखने की तरफ सांस छोड़े. दाहिना हाथ नीचे और बायां हाथ ऊपर रखें. दोबारा सांस लेकर दोनों हाथों के नीचे से ऊपर दाएं कन्धे तक लाते हुए सिर के ऊपर तक ले जाएं. अब बाईं ओर मुड़ते हुए दोनों हाथों को बाएं कन्धे से नीचे की ओर बाएं टखने तक लाएं. सांस छोड़े, हाथ को बदल-बदलकर बायां नीचे और दाहिना ऊपर रखें. इसे दो बार दोहराएं. हर अंग की चर्बी घटाने के लिए करें ‘सर्वांग पुष्टि आसन’ बेहतरीन है. लेकिन जो लोग लोअर बैक पेन की समस्या से परेशान हैं वे इस आसन को ना करें.

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