अमेरिका भारतीयों को आगंतुक वीजा जारी करने में लगने वाले समय को और कम करने की दिशा में काम कर रहा है। पिछले साल भी अमेरिका ने आंगतुक वीजा जारी करने में लगने वाले समय को 75 प्रतिशत तक कम किया था। वाणिज्य दूतावास मामलों की अमेरिका की उप मंत्री रेना बिटर ने यह जानकारी दी।
रेना बिटर ने एक साक्षात्कार में कहा, भारत में दूतावास ने पिछले साल 14 लाख वीजा आवेदन पर काम किया जो बड़ी संख्या है। पर्यटन के लिए पहली बार अमेरिका की यात्रा करने वालों को वीजा जारी करने में ज्यादा समय लगता है। लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में प्रतीक्षा समय को 75 प्रतिशत तक कम किया गया है।
भारत ने पिछले साल 34 प्रतिशत अधिक एच-1बी वीजा जारी किए
एच-1बी वीजा की योजना पर बिटर ने कहा, भारतीय दूतावास ने पिछले साल 34 प्रतिशत अधिक एच-1बी वीजा जारी किए जो कि अब तक का सर्वाधिक हैं। हमने अमेरिका में 20,000 भारतीय कुशल कामगारों को फिर से वैधता देने के लिए जनवरी में प्रायोगिक कार्यक्रम शुरू किया था जो इस महीने के अंत में समाप्त होगा।
प्रायोगिक कार्यक्रम पूरा होने के बाद मूल्याकंन
प्रायोगिक कार्यक्रम के पूरा हो जाने के बाद इसका मूल्याकंन किया जाएगा और इस बात की समीक्षा की जाएगा कि अमेरिका में काम करने वाले भारतीयों के खातिर इसे और आसान बनाने के लिए क्या किया जा सकता है। एच-1बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी श्रमिकों को विशेष व्यवसायों में नियुक्त करने की अनुमति देता है जिनके लिए तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।
अमेरिका में पढ़ने वाले हर चार विदेशी छात्रों में से एक भारतीय
प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर वर्ष हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस पर निर्भर रहती हैं। छात्र वीजा के बारे में बिटर ने कहा, अमेरिका में पढ़ने वाले हर चार अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से एक भारत से है। उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका जाने वाले भारतीयों की संख्या में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले साल, भारत में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ने 1,40,000 से अधिक छात्र वीजा जारी किए।
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