चंडीगढ़ः हरियाणा की राजनीति के चौथे ‘लाल’ यानी मनोहर लाल को टेक्नोलॉजी के लिए याद किया जाएगा। व्यवस्था परिवर्तन के लिए उन्होंने न केवल बोल्ड फैसले लिए बल्कि आईटी का प्रयोग करके उन्होंने लोगों को घर बैठे सरकारी सेवाओं का लाभ पहुंचाने की दिशा में भी बड़ा काम किया। बेशक, मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री का पद छोड़ दिया है, लेकिन उनकी भूमिका अभी कम नहीं हुई है। भाजपा राष्ट्रीय स्तर पर मनोहर लाल को बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। माना जा रहा है कि अब मनोहर लाल को कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़वाया जा सकता है। यहां से मौजूदा सांसद संजय भाटिया की पहले से ही पानीपत सिटी से विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनोहर लाल की नई भूमिका पहले ही तय की हुई है।
सबसे बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री के रूप में मनोहर लाल ने कभी भी खुद पर किसी तरह का दाग नहीं लगने दिया। सोमवार को गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के बाद आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरीके से खुलकर मनोहर लाल की प्रशंसा की थी, उससे भी स्पष्ट हो गया था कि आने वाले दिनों में मनोहर लाल को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
अक्तूबर-2014 में जब मनोहर लाल को अचानक से करनाल विधानसभा से चुनाव लड़वाया गया तो उसी समय यह तय हो गया था कि भाजपा को बहुमत मिलने की स्थिति में उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। 47 सीटों के साथ पहली बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई भाजपा ने मनोहर लाल को राज्य की कमान सौंपी। 2019 में भी उनके नेतृत्व में चुनाव हुए और 40 विधायकों के साथ भाजपा सत्ता में वापसी करने में कामयाब रही। अपने पहले कार्यकाल में ही सुशासन दिवस की शुरुआत के जरिये व्यवस्था परिवर्तन की नींव मनोहर लाल ने रखी।
सीएम विंडो की शुरुआत के जरिये लोगों की पहुंच सीधी मुख्यमंत्री कार्यालय तक बनाई गई। नागरिक सेवाओं को ऑनलाइन करने का भी लोगों का फायदा पहुंचा। इतना ही नहीं, सरकारी नौकरियों में मैरिट और पारदर्शिता के लिए किए गए उनके प्रयासों की भी सराहना की गई।
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