हरियाणा: 58 साल में पहली बार सबसे कम चुने गए निर्दलीय विधायक

हिसार विधानसभा सीट से चुनी गई निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल चौथी निर्दलीय महिला विधायक बनी हैं। जिंदल से पहले अब तक सिर्फ तीन महिला ही निर्दलीय विधायक चुनी गई हैं।

हरियाणा के विधानसभा चुनाव में हर बार जनता निर्दलीय विधायकों को चुनकर भेजती आई है। इन निर्दलीय विधायकों की कई बार सरकार के गठन में अहम भूमिका भी रही है। इस बार तीन निर्दलीय विधायक चुन कर आए हैं। हिसार से सावित्री जिंदल, गन्नौर से देवेंद्र कादियान और बहादुरगढ़ से राजेश जून चुनाव जीते है। राज्य के 58 साल के इतिहास में यह पहली बार है कि सिर्फ तीन ही निर्दलीय विधायक चुनकर आए हैं। इन तीनों विधायकों ने भाजपा को समर्थन दे दिया है। 1967 व 1982 में चुनाव में सर्वाधिक 16-16 निर्दलीय विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे।

हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया 1972 व 2000 में 11-11 निर्दलीय विधायक जीत कर आए थे। 1977, 1987, 2009 और 2019 आम चुनावों में 7-7 निर्दलीय विधायक निर्वाचित हुए। 1996 और 2005 के विधानसभा चुनावों में 10-10 निर्दलीय विधायक बने। 1968 चुनाव में 6 निर्दलीय विधायक जीत कर प्रदेश विधानसभा पहुंचे थे। वहीं, 1991 और 2014 के चुनावों में 5-5 निर्दलीय विधायक सदन में पहुंचे। हेमंत ने बताया साल 1982, 2009 और 2019 में निर्दलीय विधायकों के समर्थन से ही सरकार बनी थी।

उनके मुताबिक निर्दलीय विधायक प्रदेश की सरकार को बाहर से समर्थन दे सकता है। यदि निर्दलीय विधायक सत्तारूढ़ दल या फिर किसी विपक्षी पार्टी में शामिल हो जाता है तो दल बदल विरोधी कानून में उस निर्दलीय विधायक की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो सकती है। करीब 20 साल पहले 2004 में हरियाणा के चार तत्कालीन निर्दलीय विधायक भीम सेन मेहता, जय प्रकाश गुप्ता, राजिंदर बिसला और देव राज दीवान के कथित रूप से कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के कारण उन्हें तत्कालीन स्पीकर सतबीर कादियान ने विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था, जिसे बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी वर्ष 2006 में सही ठहराया था।

राज्य की चौथी महिला निर्दलीय चुनी गई हैं सावित्री जिंदल
हिसार विधानसभा सीट से चुनी गई निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल चौथी निर्दलीय महिला विधायक बनी हैं। जिंदल से पहले अब तक सिर्फ तीन महिला ही निर्दलीय विधायक चुनी गई हैं। इनमें 1982 में बल्लभगढ़ हलके से शारदा रानी, 1987 में झज्जर सीट से कुमारी मेधवी और 2005 बावल हलके से शकुंतला भगवड़िया चुनाव जीती हैं। जिंदल ने अपना चुनाव 18941 वोटों से जीता। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार राम निवास को हराया है। इस सीट पर भाजपा के स्वास्थ्य मंत्री डा. कमल गुप्ता तीसरे नंबर पर रहे हैं। उन्हें हिसार से सिर्फ 17385 वोट मिले।

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