प्रदेश के सभी 182 सरकारी कॉलेजों में विद्यार्थियों व स्टाफ के नाश्ते-भोजन की व्यवस्था के लिए कैंटीन की सुविधा शुरू करने की तैयारी है। उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से कैंटीन को लेकर गाइडलाइंस जारी की गई हैं। इसके तहत विद्यार्थियों से सामान की पूरी कीमत वसूली जाएगी, लेकिन प्रबंधन के अधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों व सुरक्षा गार्डों तक को खाद्य पदार्थों की कीमत में छूट मिलेगी। वहीं कैंटीन ठेकेदार को उत्तर भारतीय छात्रों की पसंद को पूरा करना होगा।
जानें किन-किन चीजों को होगा इस्तेमाल
बताया जा रहा है कि कैंटीन में तेल और दूध सरकारी उपक्रमों का ही इस्तेमाल किया जाएगा। तेल हैफेड का तो दूध वीटा का रखना होगा। विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को देखते हुए यह भी तय किया गया है कि कैंटीन में खाना पकाने के लिए स्टील और लोहे के बर्तनों का ही इस्तेमाल होगा, क्योंकि दूसरे प्रकार के बर्तनों से स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
कैंटीन में कितने समय तक का भोजन रखना होगा, यह भी तय किया गया है। यह सुनिश्चित करना होगा कि केवल ताजा पका हुआ भोजन ही परोसा जाए। वहीं कैंटीन में भोजन व्यवस्था संभालने वाले कर्मचारियों का स्वास्थ्य जांच का प्रमाण पत्र तो देना ही होगा। इसके साथ ही कोविड टीकाकरण होना भी अनिवार्य किया गया है। यदि किसी कर्मचारी को कोविड का टीका लगा हुआ नहीं है तो उसे वहां नहीं रखा जा सकेगा। स्वच्छता पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा।
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