पुलिस ने पिछले किसान आंदोलन के दौरान कमियों को सुधार कर रणनीति में बदलाव किया है। पंजाब के किसान शंभू बॉर्डर से आगे बढ़ते हैं तो कुरुक्षेत्र में शाहाबाद और कुरुक्षेत्र के बीच नाकाबंदी की गई है। जिलों में आंतरिक रूप से किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए भी तैयार है।
दिल्ली कूच के दौरान पुलिस के हर कार्रवाई का जवाब देने की तैयारी के साथ निकले पंजाब के किसानों को इस बार हरियाणा पुलिस की मजबूत किलेबंदी के चलते आगे बढ़ पाना मुश्किल हो गया है। किसान तीसरे दिन भी अंबाला के शंभू बाॅर्डर से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। इससे आगे भी हरियाणा पुलिस ने दिल्ली तक चार जगह मजबूत किलेबंदी की है। पुलिस अधिकारियों की माने तो किसानों के पिछले आंदाेलन में चूक से सबक लिया गया है और इस बार बेहतर रणनीति के साथ पुलिस मैदान में उतरी है। पुलिस जहां पंजाब बॉर्डर पर मजबूती के साथ तैनात है, वहीं जिलों में आंतरिक रूप से किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए भी तैयार है।
पंजाब व हरियाणा के किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच का आह्वान किया था। हरियाणा पुलिस ने अंबाला में शंंभू बॉर्डर, कुरुक्षेत्र में ट्यूकर बाॅर्डर के अलावा कैथल व सिरसा समेत पंजाब के साथ लगते रास्तों को सील कर दिया गया है। यहां संबंधित जिलों के अलावा रेंज के बाकी जिलों की पुलिस को भी लगाया गया है। कैथल जिले में पानीपत की एक कंपनी भेजी गई है। किसानों का सबसे अधिक दबाव जीटी रोड के शंभू बॉर्डर पर है। किसान यहां 13 फरवरी को ही पहुंच गए थे। किसानों ने आगे चलने का प्रयास किया, लेकिन हरियाणा पुलिस की किलाबंदी नहीं तोड़ पाए।
पंजाब के किसान ग्रिल व बैरीकेड तोड़ने के लिए बड़े ट्रैक्टर और मशीनों के अलावा हमलों का जवाब देने की तैयारी में खड़े हैं। पुलिस ने इस बार ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़े तो किसानों ने उनको पीछे धकेलने के लिए पतंग उड़ानी शुरू कर दी। गैस के प्रभाव को कम करने के लिए स्प्रे मशीन और बोरी पानी में भिगोकर लाए हैं। कुछ किसान बुलेटप्रूफ जैकेट में आए हैं। इसके साथ किसान अन्य उपकरण भी लेकर आए हैं।
पुलिस ने इस तरह अपनाई रणनीति
पुलिस ने पिछली बार लोहे और पत्थर के बैरीकेड लगाए थे। किसान इनको एक झटके में तोड़कर आगे बढ़ गए थे। दिल्ली बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस व अर्धसैनिक बलों ने सड़क पर किले लगा दी थी और किलेबंदी कर दी थी। जिसके चलते किसान दिल्ली बॉर्डर को क्रॉस नहीं कर पाए थे। हरियाणा पुलिस ने इस बार बॉर्डर के नाकों पर कंक्रीट की दीवार बनाने के साथ बैरीकेड और सरियों को नुकीले कराकर सड़क में गाड़ दिए हैं। जिसके चलते किसान ट्रैक्टर या दूसरे वाहनों को नजदीक नहीं ला पा रहे हैं। इस बार आंसू गैस के गोले ड्रोन की मद से गिराए जा रहे हैं।
शंभू बॉर्डर पार किया तो आगे तीन बड़े नाके
पंजाब के किसान शंभू बॉर्डर से आगे बढ़ते हैं तो कुरुक्षेत्र में शाहाबाद और कुरुक्षेत्र के बीच नाकाबंदी की गई है। यहां से आगे निकलने वाले किसानों को रोकने के लिए करनाल में नहर पर नाका लगाया गया है। इससे आगे पानीपत व सोनीपत पुलिस ने हलदाना बॉर्डर पर संयुक्त नाका लगाने की तैयारी की हुई है।
पानीपत व सोनीपत पुलिस का मजबूत होगा नाका
पुलिस ने पिछले किसान आंदोलन के दौरान कमियों को सुधार कर रणनीति में बदलाव किया है। इसी का नतीजा है कि अंबाला शंभू बॉर्डर पर पुलिस की किलेबंदी को नहीं टूटी है। आंदोलन फिलहाल शंभू बॉर्डर तक सीमित है। इस बार जीटी रोड की सुरक्षा व्यवस्था को नहीं भेद पाएंगे। किन्हीं परिस्थितियों में आगे आ भी जाते हैं तो कुरुक्षेत्र व करनाल के बाद हलदाना बॉर्डर पर नाका लगाया जाएगा। हलदाना बॉर्डर पर पानीपत व सोनीपत पुलिस का मजबूत नाका होगा। -बी सतीश बालन, पुलिस आयुक्त, सोनीपत।