चंडीगढ़ के बाद अब दिल्ली में भी लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहे मनोहर लाल!

केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा की तर्ज पर दिल्ली में भी अब लोगों की समस्याओं को सुनने का सिलसिला शुरू कर दिया है। खास पहलू यह है कि वे अपने मंत्रालय के सभी विभागीय अधिकारियों के साथ बैठकें करके विकास को गति देने में भी जुट गए हैं। इसके साथ ही विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री एवं मंत्री उनसे मुलाकात करने पहुंचे रहे हैं। दिल्ली के हरियाणा भवन में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर को मिलने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है और लोग जहां अपनी समस्याएं लेकर जा रहे हैं तो उन्हें बधाई देने भी भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। लोग उन्हें बुक्के देकर उनका अभिनंदन कर रहे हैं तो मिठाई खिलाकर भी अपनी शुभकामनाएं संप्रेषित कर रहे हैं।

गौरतलब है कि साढ़े 9 वर्षों तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल खट्टर को शीर्ष नेतृत्व ने नई जिम्मेदारी देने के मकसद से ही इसी साल 12 मार्च को हरियाणा में नेतृत्व परिवर्तन करते हुए उन्हें करनाल संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया। मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धिराजा को करीब 2 लाख 19 हजार वोटों के अंतर से पराजित किया और इसके बाद उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट मेंं ऊर्जा, आवास एवं शहरी मंत्रालय जैसे अहम विभाग देकर पॉवरफुल मंत्री बनाया। सियासी विश£ेषकों का मानना है कि ऊर्जा एवं शहरी विकास दोनों ही विभाग प्रत्यक्ष रूप से जनता से जुड़े हुए महत्वपूर्ण विभाग हैं।

मंत्री बनने के बाद अभी दिल्ली में मनोहर लाल को आवास मिलना है, लेकिन फिर भी दिल्ली के हरियाणा भवन से उन्होंने लोगों की समस्याओं को सुनने का सिलसिला तेज कर दिया है। जहां वे केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास विभाग से संबंधित समस्याएं सुनकर उन्हें संबंधित अधिकारियों को प्रेषित कर रहे हैं तो हरियाणा से संबंधित समस्याओं को वे हरियाणा के संबंधित मंत्रियों व अधिकारियों को भेज रहे हैं।

मुख्यमंत्री रहते हुए शुरू किया था जनसंवाद कार्यक्रम
उल्लेखनीय है कि 2014 में पहली बार करनाल से विधायक निर्वाचित होने के बाद मनोहर लाल खट्टर ने 26 अक्तूबर 2014 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। दूसरी बार उन्होंने 27 अक्तूबर 2019 को मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली और वे कुल मिलाकर इस साल 12 मार्च तक 9 वर्ष 171 दिनों के लिए मुख्यमंत्री रहे। मुख्यमंत्री रहते हुए मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा में अनेक तरह के बदलाव किए तो प्रयोगधर्मी नीतियों से हरियाणा में सुशासन भी स्थापित किया। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री रहते हुए मनोहर लाल खट्टर ने जनसंवाद कार्यक्रम की शुरूआत की थी। इस कार्यक्रम के तहत वे तीन दिनों के लिए एक जिले के आधा दर्जन से अधिक गांवों में कार्यक्रम करते थे, जिसके अंतर्गत वे गांव की चौपाल में ग्रामीणों के साथ बैठकर उनकी समस्याओं को सुनते थे।

खास बात यह है कि कार्यक्रम में संबंधित जिलों के सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहते थे और लोगों की अधिकांश समस्याओं का समाधान मौके पर ही हो जाता था। इसके अलावा वे इस कार्यक्रम के दौरान गांवों में चल रही विभिन्न परियोजनाओं का भी निरीक्षण करते थे और इस कार्यक्रम के जरिए लोगों को काफी राहत भी मिली थी और जनसंवाद के माध्यम से ही वे जनता से सीधे अपनी योजनाओं का फीडबैक भी लेते थे। इसी तरह से मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री रहते हुए ऑडियो कांफ्रैङ्क्षसग के माध्यम से भी लोगों से संवाद करते थे। प्रत्येक शनिवार को किसी एक विशेष योजना के तहत विभागीय अधिकारियों के साथ बैठकर पात्र लोगों की समस्याओं को सुनते हुए उनका समाधान करते थे तो लोगों से नीतियों को लेकर फीडबैक लेते थे। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से सुझाव लेकर उसी आधार पर नई योजनाओं को लागू किया।

खास बात यह है कि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा विधानसभा चुनावों को लेकर भी मंथन शुरू कर दिया है। वे लगातार संगठन की बैठकें कर रहे हैं तो कार्यकत्र्ताओं से भी फीडबैक ले रहे हैं। इसी तरह से हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी विभिन्न जिलों में बैठकों का सिलसिला तेज कर दिया है। सैनी विभिन्न जिलों में विभिन्न कार्यक्रम कर कार्यकत्ताओं से लगातार बैठकें कर रहे हैं तो वे भी खट्टर की तर्ज पर चंडीगढ़ स्थित अपने आवास संत कबीर कुटीर पर जनता की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान कर रहे हैं।

हरियाणा में विधानसभा चुनावों को करीब सवा तीन माह का समय शेष रह गया है और ऐसे में भाजपा ने आने वाले 100 दिनों में प्रदेश के सभी 19 हजार 812 बूथ कवर करने की रणनीति बनाई है और इसके अलावा प्रत्येक परिवार तक भाजपा के अब तक के कार्यकाल की उपलब्धियों को पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

अभी हाल में हुए संसदीय चुनाव में भाजपा को प्रदेश की गुरुग्राम, करनाल, फरीदाबाद, भिवानी-महेंद्रगढ़ एवं कुरुक्षेत्र संसदीय सीट पर जीत मिली थी। पिछली बार की तुलना में भाजपा को 5 कम सीटों पर जीत मिली है और उसके वोट बैंक में भी करीब 11 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। पिछले संसदीय चुनाव में भाजपा को 78 विधानसभा सीटों पर, जबकि इस बार 44 विधानसभा सीटों पर जीत मिली। ऐसे में भाजपा ने अब पूरी तरह से विधानसभा चुनावों पर फोकस कर दिया है और एक तरह से संसदीय चुनाव की तरह केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल एवं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ही विधानसभा चुनावों में स्टार प्रचार की भूमिका में नजर आएंगे और अभी से दोनों ही नेताओं ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।

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