हरियाणा सरकार ने मंजूरी दे दी है। पलवल, पंचकूला, पानीपत और महेंद्रगढ़ के दो लाख लोगों को सरकार के फैसले का सीधा फायदा होगा। विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है।
विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा सरकार ने लोगों को राहत देना शुरू कर दीं हैं। राज्य सरकार ने शुक्रवार को हरियाणा नगर पालिका क्षेत्र से बाहर 4 शहरों में बसी 91 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की मंजूरी दे दी है। इनमें पलवल में 44, पंचकूला में 21, पानीपत में 14 और महेंद्रगढ़ में 12 कॉलोनियों को नियमित किया गया है।
यह सभी कॉलोनियां टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के क्षेत्र में बसी हुई थी। इन कॉलोनियों के वैध होने से लोगों को बिजली-पानी और सड़क समेत अन्य सुविधाएं मिलेंगी और करीब दो लाख लोगों को फायदा होगा। इन कॉलोनियों में स्थित प्लॉटों की रजिस्ट्री हो सकेगी और अपनी प्रॉपर्टी बेचने का अधिकार मिल जाएगा।
इन कॉलोनियों के भीतर विकास कार्यों की देखरेख हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से की जाएगी। हरियाणा सरकार ने 30 जून तक 433 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का लक्ष्य तैयार किया है, जिसकी शुरुआत शुक्रवार से कर दी गई है।
इस बारे में विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इसके मुताबिक पलवल की पृथला, पलवल, हथीन, होडल खंड में स्थित कॉलोनियां, महेंद्रगढ़ के कनीना, नारनौल, महेंद्रगढ़, अटेली, पंचकूला के बरवाला, रायपुररानी, कालका और पानीपत के इसराना, मतलौडा, समालखा और पानीपत की कॉलोनियां शामिल हैं।
जमा कराना होगा विकास शुल्क
वैद्य हुई कॉलोनियों को निर्धारित विकास शुल्क भी जमा कराना होगा। इसके लिए सरकार ने रेट तय कर रखें हैं। सरकार के नियमों के मुताबिक अविकसित भूमि के लिए कलेक्टर रेट आठ फीसदी होगा, जबकि विकसित भूमि के लिए कलेक्टर दर पांच फीसदी होगा। इसके साथ ही इन आवासीय कॉलोनियों में पहले से बने सभी मकानों की वर्तमान स्थिति को बरकरार रखा जाएगा।
यह नियमित नहीं होंगे
अधिसूचना के मुताबिक हाईटेंशन लाइन व पेट्रोलियम पाइप लाइन से प्रभावित क्षेत्र में आने वाले भूखंड और विकास योजना में दर्शाई गई प्रस्तावित सड़क, हरित पट्टी, प्रतिबंधित पट्टी वाले भूखंड नियमित नहीं होंगे। इसके अलावा वाणिज्यिक परिसर, बैंक्वेट हॉल, गोदामों, मॉल, मल्टीप्लेक्स वाले भूखंड भी इस अधिसूचना का हिस्सा नहीं होंगे।