दाखिले के बाद प्रवेश रद्द होने वाले विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों की संस्थान निदेशक से बातचीत हुई है। नकली या झूठे दस्तावेज व गलत जानकारी प्रस्तुत करने पर कानूनी और दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
रोहतक आईआईएम (भारतीय प्रबंधन संस्थान) के 11 विद्यार्थियों के रद्द हुए दाखिले के मामले शुक्रवार को संस्थान निदेशक प्रो. धीरज शर्मा ने उन्हें एक अवसर दिया है। विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से हुई लंबी बातचीत के बाद उन्हें 24 जून तक परीक्षा नियंत्रक से मिलकर अपील करनी होगी। इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। यहां विद्यार्थी अपना पुख्ता दस्तावेज या स्पष्टीकरण दे सकते हैं। साथ ही नकली या झूठे दस्तावेज व गलत जानकारी प्रस्तुत करने पर कानूनी और दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
शुक्रवार को देश के विभिन्न प्रांतों से आए अभिभावक दिन भर संस्थान में जमे रहे। विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर अभिभावकों की संस्थान निदेशक से लंबी बातचीत हुई। यहां संस्थान ने ओबीसी श्रेणी के तहत प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थियों के दस्तावेजों के साथ दिए गए आय प्रमाण पत्र को अमान्य करार दिया गया। संस्थान ने दस्तावेज सत्यापन के बाद अपना आखिरी फैसला दिया। संस्थान की एक समिति ने दस्तावेज सत्यापन किया। इस प्रक्रिया में ओबीसी प्रमाणपत्र 24 अगस्त 2022 को अमान्य बताया गया।
इसके अतिरिक्त, उनकी स्व-घोषित व विधिवत जमा कराई गई आय दस लाख रुपए दर्शाई है। जबकि आयकर रिटर्न में आय 12 लाख रुपये बताई गई है। इसलिए आपका प्रवेश प्रस्ताव वापस लिया गया है।
अभिभावकों की ओर से रखे गए पक्ष सुनने के बाद संस्थान प्रबंधन ने प्रवेश रद्द करने आदेश के खिलाफ अतिरिक्त दस्तावेज या किसी स्पष्टीकरण के साथ 24 जून सुबह 11:30 बजे तक परीक्षा नियंत्रक से अपील करने का एक अवसर दिया है। इससे अभिभावकों को भी राहत की आस नजर आई है। इस बातचीत के बाद सभी अपने घर लौट गए।
अभिभावक बोले- गर्मी में प्यास बुझाने को नहीं मिला पानी
आईआईएम से प्रवेश के बाद 11 विद्यार्थियों के प्रवेश रद्द करने के मामले में शुक्रवार को दिन भर कश्मकश की स्थिति बनी रही। संस्थान के बाहर खूब हंगामा हुआ। अपने बच्चों का भविष्य बर्बाद होते देखे गुस्साए अभिभावकों ने काफी नाराजगी जताई। पटना के राजेश कुमार, पटना निवासी शैलेश , महाराष्ट्र के राजेश काहरे, महाराष्ट्र की संगीता आदि अभिभावकों का कहना था कि सुबह से बाहर खड़े हैं। पीने का पानी तक नहीं मिला । गर्मी व तेज धूप में सिर पर छांव तक नहीं है। खड़े-खड़े सुबह से दोपहर हो गई। बाद में एक-एक कर अभिभावकों को बातचीत के लिए बुलाया गया।
संस्थान ने किसी विद्यार्थी को नहीं निकाला है। अभिभावकों को भी एक-एक कर बातचीत के लिए बुलाया व समझाया गया है। दाखिला प्रक्रिया वीरवार को पूरी हो गई है। अब नया प्रवेश नहीं लिया जाएगा। सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों को आय या दस्तावेजों में कमी से अवगत कराया गया है। उन्हें 24 जून तक का समय दिया गया है। ओबीसी नियमों के तहत आठ लाख आय होनी चाहिए। कुछ के पास प्रमाण पत्र नहीं थे, कुछ ने आयकर रिटर्न नहीं भरे थे। -आशीष खन्ना, ओएसडी, आईआईएम रोहतक।