जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को अहम फैसला सुनाते हुए सीबीआइ को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति दे दी है। जस्टिस एस मुरलीधर व जस्टिस विनोद गोयल की खंडपीठ ने सोमवार को नजीब की मां फातिमा नफीस की याचिका पर फैसला सुनाया है। 
खंडपीठ ने चार सितंबर को सीबीआई व पीड़ित पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले की जांच हाईकोर्ट ने 16 मई 2017 को सीबीआई को सौंपी थी। पीएचडी का छात्र नजीब अक्तूबर 2016 से लापता है। वहीं, उसकी मां ने प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर उसे तलाश कराने की गुहार लगाई थी।
यहां पर बता दें कि नजीब अहमद के लापता होने की जांच दिल्ली पुलिस व कोर्ट के आदेश पर सीबीआई कर चुकी है। सीबीआइ पूर्व में ही इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने की बात कह चुकी थी।
वहीं, सोमवार को आए हाई कोर्ट के फैसले पर नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस ने कहा कि पिछले दो सालों के दौरान मुझे कोर्ट से काफी उम्मीद थी, लेकिन निराशा हाथ लगी। सुरक्षा एजेंसियों ने कोर्ट को भटकाया। हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
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