हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पहुंचे हैं। इस दौरान सीएम ने हैप्पीनेस सेंटर का उद्घाटन किया और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में हरियाणा सिख और खट्टर पुस्तक का विमोचन किया। सभागार में बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग मौजूद रहे। सीएम के साथ राज्य मंत्री संदीप सिंह और करनाल के सांसद संजय भाटिया भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग में रखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस के सहयोग से हैप्पीनेस सेंटर में विद्यार्थी, शिक्षक, कर्मचारी व आमजन खुश रहने के तौर तरीके सीख सकेंगे और जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना भी सरलता से कर सकेंगे। यह विचार मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने व्यक्त किए। वह बुधवार को केयू के मनोविज्ञान विभाग में स्थापित किए गए रेखी आनंद विज्ञान उत्कृष्टता केंद्र के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को सेंटर के माध्यम से खुशी विज्ञान पढ़ाई जाएगी, जिसके माध्यम से तकनीकी दौर में तनाव मुक्त होकर युवा खुश मन से अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए कार्य कर सफलता हासिल करेंगे। उन्होंने इस सेंटर की स्थापना के लिए कुलपति प्रो सोमनाथ सचदेवा, रेखी फाउंडेशन के प्रतिनिधि डॉ. किरणजोत सिंह व डॉ. प्रभलीन सिंह सहित इस सेंटर की स्थापना में सहयोग देने वाली उनकी पूरी टीम को बधाई दी।
विश्वविद्यालय कुलपति प्रो सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच और राज्यपाल एवं कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय के कुशल नेतृत्व में यह केंद्र स्थापित किया गया है। इसके माध्यम से शिक्षक, गैर शिक्षक कर्मचारी और विद्यार्थियों को मानसिक तनाव से बाहर निकलने, कार्य के दबाव को कम करने, पढ़ाई के साथ-साथ अन्य विषम परिस्थितियों से बाहर निकलने व उनको खुशी-खुशी सुलझाने के तौर तरीके सिखाए जाएंगे ताकि वे एक बेहतर जीवन जीने के साथ राष्ट्र निर्माण में अहम भागीदारी कर सकें।
मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो रोहतास सिंह ने बताया कि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के निर्देशन में हैप्पीनेस सेंटर को मनोविज्ञान विभाग में बनाया गया है। उन्होंने बताया कि रेखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस 2016 में डॉ. सतिंद्र सिंह रेखी और उनकी पत्नी हरप्रीत रेखी द्वारा अमेरिका में शुरू किया गया था, जिसका लक्ष्य विभिन्न विश्वविद्यालयों में हैप्पीनेस सेंटर को स्थापित करना है। सेंटर का उद्देश्य विद्यार्थियों, शिक्षकों से लेकर सभी लोगों के जीवन में व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक जीवन में सुधार करना है
महापुरूषों के दिखाए मार्ग पर चलते हुए समाज को बनाएं बेहतर : मुख्यमंत्री
समय-समय पर महापुरुषों ने सही मार्ग दिखाया है, जो सभी के भलाई के लिए साबित हुआ है। सिख महापुरूषों ने भी बिना भेदभाव के समाज को बेहतर बनाने का संदेश दिया है। उन्हीं संदेश पर आज सरकार चल रही है और प्रदेश विकास की राह पर है। हर व्यक्ति को ऐसे महापुरुषों की शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करते हुए समाज व देश के लिए तत्पर रहना चाहिए। यह आहवान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने व्यक्त किए।
बुधवार को कुवि ऑडिटोरियम में हरियाणा के सिखों की सेवा में खट्टर पुस्तक का विमोचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पंजाब से भी ज्यादा सिख महापुरूषों का आगमन रहा है। ऐसे सभी महापुरूषों की निशानियां हमें सरंक्षित करनी चाहिए, इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से पिपली में संग्रहालय स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए जमीन चिंहित कर ली गई है। पहले यह सग्रहालय अंबाला में बनाए जाने की योजना थी, लेकिन कुरुक्षेत्र में सिख महापरुषों के रहे ज्यादा आगमन और संगत को देखते हुए इसे यहां बनाए जाने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लौहगढ़ में सिख महापुरूष बंदा बहादुर सिंह स्मारक बनाया जा रहा है, जहां देश-दुनिया उनकी बहादुरी से अवगत हो सकेगी। जल्द ही यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अलग गुरुद्वारा प्रबंधन स्थाई कमेटी के लिए जल्द चुनाव होंगे, जिसके लिए प्रक्रिया चली हुई है। अलग कमेटी होने से प्रदेश के गुरुघरों का और ज्यादा बेहतर प्रबंधन हो सकेगा। इस दौरान सांसद संजय भाटिया, पूर्व सांसद एवं अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन रहे त्रिलोचन सिंह, मुख्यमंत्री के ओएसडी एवं हरियाणा सिख कमेटी के महासचिव रमणीक मान ने भी संबोधित किया जबकि इस दौरान हरियाणा कमेटी के प्रधान भूपिंद्र सिंह असंध व अन्य सिखनेता मौजूद रहे।
जिस पुस्तक का किया विमोचन, उसके टाइटल पर ही उठाए सवाल
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृतिक विभाग की ओर से प्रकाशित एवं डॉ प्रभलीन द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन किया, लेकिन उन्होंने इसके टाइटल हरियाणा के सिखों की सेवा में खट्टर पर ही सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा कि इस टाइटल में जातीय भाव झलक रहा है, जो सही नहीं है। महापुरषों ने भी बिना भेदभाव के कार्य करना सिखाया है। उन्होंने कहा कि गुरुबाणी की सेवा जो बोले सो निहाल, सेवक बने मनोहर लाल टाइटल हो सकता है। इस पर लेखक को विचार करना चाहिए, ताकि हर पाठक तक सही संदेश जा जाए। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि पुस्तक का महत्व उसकी बनावट से नहीं बल्कि उसमें खिली गई सामग्री से होता है।