अर्थव्यवस्था में सुस्ती का संकेत देते हुए चालू वित्त वर्ष के जुलाई में जीएसटी संग्रह में मात्र 5.8 फीसद वृद्धि हुई है। वित्त मंत्रालय के अनुसार इस साल जुलाई में जीएसटी संग्रह 1,02,083 करोड़ रुपये रहा, जबकि यह पिछले साल महीने में 96,483 करोड़ रुपये था। इस साल जून में जीएसटी संग्रह 99,939 करोड़ रुपये था। वित्त मंत्रालय के अनुसार जुलाई में सीजीएसटी संग्रह 17,912 करोड़ रुपये, एसजीएसटी संग्रह 25,008 करोड़ रुपये और आइजीएसटी संग्रह (सैटलमेंट से पूर्व) 50,612 करोड़ रुपये रहा। आइजीएसटी संग्रह में 24,246 करोड़ रुपये आयात पर आइजीएसटी के रूप में जुटाए गए हैं। वहीं, क्षतिपूर्ति सेस के रूप में 8,551 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल और मई में राज्यों को क्षतिपूर्ति सैस के रूप में 17,789 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। जीएसटी संग्रह में इतनी कम वृद्धि अर्थव्यवस्था में सुस्ती की ओर इशारा करती है। हालांकि, सरकार का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जुलाई के दौरान घरेलू व्यापार वसूले गए जीएसटी में पिछले साल समान अवधि के मुकाबले 9.2 फीसद की वृद्धि हुई है जबकि आयात पर जीएसटी संग्रह में 0.2 फीसद की गिरावट आई है। कुल मिलाकर चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जुलाई के दौरान जीएसटी संग्रह में महज 6.83 फीसद की वृद्धि हुई है। जहां तक रिटर्न फाइलिंग का सवाल है, तो इस साल जून के लिए 31 जुलाई तक 75.79 लाख रिटर्न दाखिल हो चुके हैं।
यह है सरकार का लक्ष्य
चालू वित्त वर्ष में सरकार ने सीजीएसटी से 5.26 लाख करोड़ रुपये तथा आइजीएसटी से 28,000 करोड़ रुपये (सभी सैटलमेंट के बाद) जुटाने का लक्ष्य रखा है। वहीं क्षतिपूर्ति सैस के रूप में 1.09 लाख करोड़ रुपये से कुछ ज्यादा जुटाने का लक्ष्य है। कुल मिलाकर सरकार ने वित्त वर्ष (2019-20) में जीएसटी के जरिये 6,63,343 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।जीएसटी पहली जुलाई, 2017 को लागू हुआ था। तब से कुल 25 महीनों में से सिर्फ सात महीने ऐसे रहे हैं जब जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये के पार गया है।