नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर कानून (जीएसटी) का लागू होना 1 जुलाई से तय है और इससे वस्तुओं की कीमत में किसी भी प्रकार का इजाफा नहीं होगा, हालांकि कुछ सेवाओं की लागत में मामूली वृद्धि दिखाई दे सकती है। यह जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दी है।
जानकारी के मुताबिक वस्तु एवं सेवा कर कानून को आजाद भारत का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर कानून कहा जा रहा है। जीएसटी से राज्य और केंद्र के स्तर पर लगने वाले करों के स्थान पर एक राष्ट्रीय बिक्री कर लगेगा जो देश में एकल बाजार का निर्माण करेगा और कारोबारियों के लिए उसकी पहुंच आसान बनाएगा।
सीआईआई-कोटक निवेशक गोलमेज सम्मेलन में बोलते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उनकी अध्यक्षता और हर राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाली जीएसटी काउंसिल अगले कुछ दिनों में विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के लिए कर की दर को अंतिम स्वरूप प्रदान कर देगी और देश एक जुलाई से अप्रत्यक्ष करों को आसान बनाने के सही रास्ते पर है।
भारत में वर्तमान अप्रत्यक्ष कर संरचना काफी जटिल है, जो भी लोग वस्तु एवं सेवाओं में लेनदेन करते हैं, उन्हें कई स्तर पर कर का भुगतान करना होता है। जेटली ने कहा, “पूरा देश कई सारे बाजारों में तब्दील हो चुका है, इसलिए वस्तुओं एवं सेवाओं की मुफ्त आवाजाही संभव नहीं थी। अब, जीएसटी का विचार यह था कि देश में सिर्फ एक टैक्स लागू हो।” गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 18-19 मई को होनी है। यह बैठक श्रीनगर में प्रस्तावित है।
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