नई दिल्ली। दुनियाभर में विश्व सुंदरी का खिताब जीतने के लिए जोरदार प्रतिस्पर्धा होती है। मिस वर्ल्ड, मिस यूनिवर्स, मिस इंटरनेशनल और मिस अर्थ जैसी प्रतियोगिताओं में दुनियाभर की सुंदरियां भाग लेती हैं। इन खिताबों के जरिए खूबसूरती के साथ किसी प्रतिभागी की बुद्धिमता का भी आकलन होता है। मिस यूनिवर्स और मिस वर्ल्ड दुनिया में दो सबसे पुरानी प्रतियोगिताएं हैं।
मिस यूनिवर्स का आयोजन संयुक्त राज्य अमेरिका और मिस वर्ल्ड का आयोजन ब्रिटेन द्वारा किया जाता है। दुनियाभर में कुछ देश ऐसे हैं, जहां की सुंदरियों ने एक बार से अधिक ये खिताब अपने नाम किए हैं।
मिस यूनिवर्स और मिस वर्ल्ड का आयोजन क्रमश: 1952 और 1951 से किया जा रहा है। मिस यूनिवर्स के खिताब को अमेरिका की सुंदरियों ने आठ बार अपने नाम किया है। वहीं जापान का मिस इंटरनेशनल इस मायने में अलग है। मिस इंटरनेशनल खिताब को जापान की सुंदरी ने एक बार अपने नाम किया है। यह प्रतियोगिता 1960 में शुरू हुई थी। फिलीपींस द्वारा शुरू की गई मिस अर्थ प्रतियोगिता को फिलीपींस ने चार बार अपने नाम किया है। भारत ने मिस वर्ल्ड का टाइटल छह बार अपने नाम किया है, तो जमैका की सुंदरियों ने यह खिताब चार बार अपने नाम किया है। अमेरिका और वेनेजुएला के बाद प्यूरेटोरिको ने यह खिताब सबसे अधिक बार जीता है।
मुंबई में पैदा हुई रीता फारिया मिस वर्ल्ड बनने वाली पहली भारतीय और एशियाई हैं। 1966 में मिस वर्ल्ड बनने के बाद उन्होंने फिल्मों में काम करने से इनकार कर दिया और मेडिकल की लाइन पकड़ ली। रीता डॉक्टर बनने वाली दुनिया की पहली मिस वर्ल्ड भी हैं।
रीता के बाद 1994 में ऐश्वर्या राय के सिर मिस वर्ल्ड का ताज सजा। 21 साल की उम्र में मिस वर्ल्ड बनीं ऐश्वर्या राय ने फिल्मों का रुख किया। 1997 में भारत की तीसरी मिस वर्ल्ड बनीं डायना हेडेन। उनका जन्म हैदराबाद में हुआ और उन्होंने यूके की रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट से पढ़ाई की। 1999 में लंदन में 99 देशों की सुंदरियों को पीछे छोड़ युक्ता मुखी मिस वर्ल्ड बनीं।
युक्ता कुछ फिल्मों में भी आईं। 2000 में मिस वर्ल्ड में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रियंका चोपड़ा ने ताज जीता। प्रियंका को फिल्मों में भी जबरदस्त कामयाबी मिली। 2017 में मानुषी छिल्लर ने मिस वर्ल्ड खिताब जीतकर सबको हैरान कर दिया। मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भारत ने पहली बार 1959 में भाग लिया था। फ्लेयूर इजेकियल मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में शिरकत करने वाली पहली भारतीय थीं।