GB रोड के कोठे पर गुलाम बनाई गई 22 साल की ये नेपाली लड़की, रोजाना 30 लोग मिटाते थे अपनी...

GB रोड के कोठे पर गुलाम बनाई गई 22 साल की ये नेपाली लड़की, रोजाना 30 लोग मिटाते थे अपनी…

New Delhi: यह घटना दिल्ली की है जहां एक 22 साल की नेपाली लड़की के साथ कुछ ऐसा जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे।नेपाल की इस लड़की ने 5 महीनों में अपने साथ हुए दरिंदगी की कहानी पुलिस को सुनाई है।GB रोड के कोठे पर गुलाम बनाई गई 22 साल की ये नेपाली लड़की, रोजाना 30 लोग मिटाते थे अपनी...स्विट्ज़रलैंड से वापस आते ही मम्मी करीना के साथ…

उसने एफआईआर दर्ज कराते हुए पुलिस को बताया कि बीते 5 महीनों में 30 से ज्यादा लोगों ने उसके साथ बलात्कार किया और फिर उसे जीबी रोड पर बेच दिया। आपको बता दें कि जीबी रोड दिल्ली का रेड लाइट एरिया है जहां के कोठों पर जिस्मफरोशी का धंधा होता है। युवती के शिकायत पर पुलिस ने एनजीओ की मदद से छापेमारी की और एक महिला को गिरफ्तार किया। इस महिला ने ही युवती को जबरन जिस्म फरोशी के धंधे में धकेला था।

 

22 वर्षीय पिंकी (पीड़िता का बदला हुआ नाम) ने बताया कि पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते वो नौकरी करना चाहती थी। करीब 4 महीना पहले दुबई में नौकरी दिलाने के नाम पर उसे नेपाल से दिल्ली लाया गया था। यहां आने के बाद उसे जीबी रोड पर बेच दिया गया। पिंकी ने बताया कि जीबी रोड के एक कोठे में उसे कई दिनों तक भूखा, प्यासा रखा गया। इस दौरान उसे करीब 30 से ज्यांदा ग्राहकों के साथ जबरन सोने पर मजबूर किया गया।

 

दिल्ली महिला आयोग के मीडिया सलाहकार भूपेंद्र सिंह ने बताया कि कुछ दिनों पहले कोठे पर पुलिस रेड की अफवाह उड़ी। इसी अफवाह के चलते कोठे की मालकिन ने पिंकी को एक सुरक्षित जगह पर छिपा दिया। इसी जगह से किसी तरह भाग निकलने में पिंकी अपने एक जानने वाले जो पूर्वी दिल्ली में रहते हैं के पास पहुंची और फिर वहां से पुलिस के पास। 

 

इस लड़की को 64 नंबर कोठे पर रखा गया था। शनिवार शाम को एनजीओ रेस्क्यू फाउंडेशन ने इस लड़की की एफआईआर दर्ज करवाने और कोठे पर देह व्यापार करवाने वालों को गिरफ्तार करवाने के लिए दिल्ली महिला आयोग की मदद मांगी थी। 

 

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने एक टीम गठित की। आयोग की टीम ने पिंकी से बात की। पिंकी ने बताया कि वह जीबी रोड के 64 नंबर कोठे से भाग गई थी। नेपाल से भारत में होने वाली मानव तस्करी पर रोक लगाना बहुत मुश्किल है।

अनुमान लगाया जाता है कि 5 हजार से 10 हजार लड़कियां और औरतें हर साल इंडिया लाई जाती हैं। ये सब इसलिए हो जाता है क्योंकि भारत और नेपाल की सीमा तकरीबन 1751 किलोमीटर तक आपस में मिली हुई है। इतनी बड़ी सीमा पर नजर रखना किसी सुरक्षा एजेन्सी के लिए मुश्किल काम ही है।

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