EXCLUSIVE: पर्रिकर बोले, आतंकवाद कांग्रेस की दी हुई बीमारी है, अब सही दवा हो रही है

प्रणय उपाध्याय 

आतंकवाद आज देश के सामने बहुत बड़़ी़ समस्‍या है. रोज जवानों के शहीद होने की खबरें आ रही हैं. इस बारे में जब रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से सवाल किया गया तो  न्यूज़18इंडिया से खास बातचीत में उन्‍होंने कहा, ये कांग्रेस की दी हुई बीमारी है. आतंकवाद को लेकर पिछले 20-25 साल की मिसहैंडलिंग से ये मर्ज बढ़ा है। अब इसके लिए सही दवा हो रही है. उन्‍होंने कहा कि लोगों  की जरूरत के प्रति संवेदनशीलता के साथ ही आतंकवाद के खिलाफ सख्ती जरूरी है.

आइए जानते हैं रक्षामंत्री से हुई खास बातचीत के महत्‍वपूर्ण अंश-

क्या गोवा में बीजेपी की सरकारी बनेगी मनोहर पार्रिकर के बिना…

सरकार एक बार फिर वापस आएगी. सरकार वापसी के लिए वोटिंग हो गई है. अच्छा मेंडेट दिया है ऐसा लगता है. गोवा छोटा राज्‍य है इस कारण सही नंबर बोलना मुश्किल है। लेकिन पॉजिटिव लगता है। पिछली बार से ज्यादा मेंडेट के साथ बीजेपी वापस आ जाएगी..

लेकिन आप कहते रहे हैं कि दिल्ली का खाना ठीक नहीं है आपको गोवा का खाना पसंद है. तो आप गोवा से कुक दिल्ली लाएंगे या गोवा जाएंगे..?

यह तो 11 तारीख के बाद ही तय होगा.

संसद में आप यूपी के सांसद हैं. वहां प्रचार करने नहीं गए क्यों? आपकी पार्टी पर विपक्ष आरोप लगा रहा है कि सेना और उसके ऑपरेशन का राजनीतिकरण किया जा रहा है. क्या कहेंगे?

पार्टी ने इलेक्शन में राजनीतिकरण न करने का फैसला किया यही वजह है कि डिफेंस मिनिस्टर को वहां रैली करने नहीं भेजा गया. वरना मेरा तो हक बनता था वहां सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बोलने का. पार्टी इस मामले को लेकर सेंसेटिव है…सेना का मामला है…डिफेंस का मामला है…देश की रक्षा का मामला है. पार्टी समझती है कि हम सेना को राजनीति में नहीं घुसा सकते.

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वैसे मैं कहूंगा कि बांग्लादेश विजय के बाद क्या कांग्रेस ने इसके बारे में नहीं बोला. विजय का श्रेय सेना को ही जाता है लेकिन निर्णय लेने का श्रेय सरकार को जाता है.

ढाई बरस में कई बड़े फैसले लिए जिसका श्रेय सरकार को जाएगा जिसमें नोटबंदी जैसा बड़ा फैसला भी शामिल है. साथ ही यह भी देखना चाहिए कि इस दौरान एक भी दाग नहीं लगा.

आतंकवाद पर आप क्‍या कहेंगे

सब कांग्रेस की देन है. हम लोग बीमारी के बढ़ने और फैलने का बाद इलाज करें तो काफी सावधानी से इलाज करना पड़ता है. क्योंकि कई बार दवा का भी इंपैक्ट हो जाता है. 20-25 बरस से जो आतंकवाद है…टेररिज्म है वो गलत तरीके से हैंडलिंग का नतीजा है.

कई बार दवा देने से भी बुखार बढ़ जाता है. मैं इतना कहूंगा कि जहां एक ओर लोगों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए वहीं आतंकवाद के खिलाफ सख्ती से निपटने ( हार्ड एप्रोच) की भी जरूरत है.

सेनाध्यक्ष के बयान और पत्थरबाज़ी की चुनौती पर…

जो कहना था वो कहा जा चुका. अब मैैं उसपर कुछ नहीं कहना चाहता. लेकिन हमारा काम सुरक्षा करना है और हम वो करेंगे.

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हमने कई सुधार किए हैं.  कमेटी की सिफारिशों के आधार पर आगे बढ़ रहे हैं. सैन्य ठिकानों का वर्गीकरण किया गया है. हम और भी सुधार कर रहे हैं लेकिन सुरक्षा माइंडसेट का भी मामला है. ढील बरती तो उसका झटका झेलना पड़ता है. हमने माइंडसेट को भी बदला है. मैं संतुष्ट हूं कि इस मामले में सही दिशा में काम चल रहा है.

हाफिज़ सईद पर कार्रवाई हो रही है…क्या पाकिस्तान को अकल आ गई…

कुछ कदम उठाए हैं तो कुछ उम्मीद जागी है. बेहतर होगा इस मामले में आप सवाल विदेश मंत्री से पूछें. मैं केवल देख रहा हूं. उम्मीद करेंगे कि सही दिशा में कार्रवाई आगे बढ़े.

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