कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लागू लॉकडाउन अवधि में दफ्तर से बुलावा आने पर नहीं जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सरकार अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी। सोमवार को प्रभारी सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने इसके आदेश जारी कर दिए।
लॉकडाउन अवधि में अफसर और कर्मचारियों के मुख्यालय से बाहर फंसने, क्वारंटाइन अवधि के दौरान दफ्तर नहीं पहुंचने या फिर अन्य पहलुओं को लेकर दफ्तर न पहुंचने पर संबंधित कर्मचारी ऑन ड्यूटी या अवकाश पर माने जाएंगे, इसे लेकर अब तस्वीर साफ हो गई है।
सरकार ने कहा कि जो कर्मचारी अपने मुख्यालयों में मौजूद थे और उन्हें सरकारी कार्य के लिए दफ्तर बुलाया गया, यदि वे उपलब्ध नहीं हुए तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कारवाई की जाएगी। वहीं, जो लॉकडाउन में अपने-अपने मुख्यालयों में मौजूद थे व घर से सरकारी काम कर रहे थे अथवा जरूरत पड़ने पर कार्यालय भी पहुंचे तो ऐसे कर्मचारियों को ऑन ड्यूटी माना जाएगा।
नियुक्ति प्राधिकारियों को अधिकार दिया है कि वे विशेष अवकाश स्वीकृत कर वेतन आदि का पूर्ण भुगतान की व्यवस्था कराएंगे। ऐसे कर्मचारी जो लॉकडाउन अवधि में मुख्यालय से बाहर थे और बुलाने पर वे किसी वजह से उपस्थित नहीं हो पाए तो नियुक्त प्राधिकारी ऐसी स्थिति में उक्त अवधि आकस्मिक या उपार्जित अवकाश में समायोजित करेगा।
यदि किसी कर्मचारी के उपार्जित अवकाश नहीं हैं तो भविष्य में मिलने वाले उपार्जित अवकाश में समायोजित किया जाएगा। वहीं, जो कर्मचारी नियमानुसार अवकाश स्वीकृति के बाद अपने मुख्यालय से बाहर गए थे तथा इसी दौरान लॉकडाउन घोषित होने से वे मुख्यालय नहीं पहुंच पाए।
बाद में पहुंचने पर पहले उन्हें क्वांरटाइन होना पड़ा। ऐसे कर्मियों को इस अवधि का विशेष अवकाश मिलेगा। प्रभारी सचिव ने इस आदेश के क्रम में सभी विभागाध्यक्षों को दी गई व्यवस्थाओं को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।