ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) के समक्ष एक याचिका दायर की है। इसमें नए और अप्रयुक्त न्यूमेटिक रेडियल टायर्स के साथ या बिना ट्यूब या रबर के फ्लैप के आयात पर लगाए गए एंटी-डंपिंग ड्यूटी के सनसेट रिव्यू की बात की गई है। इसमें ट्यूबलेस टायर सहित चीन में तैयार या निर्यात किए गए टायरों की बात की गई है, जिनका उपयोग बसों और लॉरी/ट्रकों में किया जाता है।
डीजीटीआर ने एक अधिसूचना में कहा कि प्राधिकरण इसके द्वारा लागू कर्तव्यों को जारी रखने की आवश्यकता की समीक्षा के लिए सनसेट रिव्यू शुरू कर रहा है। प्राधिकरण जांच करेगा कि क्या मौजूदा एंटी-डंपिंग ड्यूटी की समाप्ति से डंपिंग जारी रहने या पुनरावृत्ति होने और घरेलू उद्योग को नुकसान होने की संभावना है या नहीं।
कब और क्यों लगाया एंटी-डंपिंग ड्यूटी
आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा 18 सितंबर 2017 को यह शुल्क लगाया गया था, जो 17 सितंबर 2022 को समाप्त होगा। इस ड्यूटी का उद्देश्य निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करना और विदेशी उत्पादकों और निर्यातकों के संबंध में घरेलू उत्पादकों के लिए समान अवसर प्रदान करना है। व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) की सिफारिशों के बाद भारत ने कुछ एल्युमीनियम वस्तुओं और रसायनों सहित पांच चीनी उत्पादों पर पांच वर्ष के लिये एंटी-डंपिंग ड्यूटी Anti-Dumping Duty- ADD लगाई थी।
डीजीटीआर ने निष्कर्ष निकाला कि इन उत्पादों को भारतीय बाजारों में सामान्य मूल्य से कम कीमत पर निर्यात किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप घरेलू बाजारों को नुकसान हुआ है। अप्रैल-सितंबर 2021 की अवधि के दौरान चीन में भारत का निर्यात 12.26 बिलियन अमेरिकी डॉलर, जबकि आयात 42.33 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था, जिससे 30.07 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार घाटा हुआ है।
क्या है व्यापार उपचार महानिदेशालय
यह सभी डंपिंग-रोधी, काउंटरवेलिंग शुल्क और अन्य व्यापार सुधारात्मक उपायों को लागू करने के लिये वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत सर्वोच्च राष्ट्रीय प्राधिकरण है। यह घरेलू उद्योग और निर्यातकों को अन्य देशों द्वारा उनके खिलाफ लागू किये गए व्यापार उपायों की जांच के बढ़ते मामलों से निपटने में सहायता प्रदान करता है।
डंपिंग और एंटी-डंपिंग?
डंपिंग का अभिप्राय किसी देश के निर्माता द्वारा उत्पाद को या तो इसकी घरेलू कीमत से नीचे या उत्पादन लागत से कम कीमत पर किसी दूसरे देश में निर्यात करने से है। यह एक अनुचित व्यापार प्रथा है, जिसका अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर विकृत प्रभाव पड़ सकता है। वहीं, डंपिंग-रोधी शुल्क (एडीडी) का उद्देश्य एंटी-डंपिंग शुल्क डंपिंग को रोकने और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था में समानता स्थापित करने हेतु लगाया जाता है। लंबी अवधि में एंटी-डंपिंग ड्यूटी समान वस्तुओं का उत्पादन करने वाली घरेलू कंपनियों की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा को कम कर सकती है। यह एक संरक्षणवादी टैरिफ है, जो एक घरेलू सरकार विदेशी आयातों पर इस विश्वास के साथ लगाती है कि इसकी कीमत उचित बाजार मूल्य से कम है। विश्व व्यापार संगठन द्वारा उचित प्रतिस्पर्द्धा के साधन के रूप में डंपिंग-रोधी उपायों को अपनाने की अनुमति दी गई है।
पांच साल तक होती है इसकी वैधता
वैधता एक एंटी-डंपिंग शुल्क लागू होने की तारीख से पांच वर्ष की अवधि के लिये वैध होता है, जब तक कि इसे रद्द नहीं किया जाता है। इसे सूर्यास्त या समाप्ति समीक्षा जांच के माध्यम से पांच वर्ष की अवधि के लिये और बढ़ाया जा सकता है। एक सूर्यास्त समीक्षा/समाप्ति समीक्षा किसी कार्यक्रम या एजेंसी के निरंतर अस्तित्व हेतु आवश्यकता का मूल्यांकन है। यह कार्यक्रम या एजेंसी की प्रभावशीलता और प्रदर्शन का आकलन करने की अनुमति देता है।