उत्तर प्रदेश सरकार ने 1991 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को राज्य का नया पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया है। वह अब प्रदेश की कानून-व्यवस्था की कमान संभालेंगे। राजीव कृष्ण को प्रशासन, रणनीति और तकनीकी क्षेत्रों में अपने गहरे अनुभव के लिए जाना जाता है।
तकनीकी शिक्षा से लेकर IPS बनने तक का सफर
राजीव कृष्ण ने आईआईटी रुड़की से इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई की। उन्होंने यह डिग्री 1985 से 1989 के बीच पूरी की। इसके बाद साल 1991 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चुने गए और उत्तर प्रदेश कैडर में नियुक्त हुए।
संवेदनशील जिलों में रहा प्रभावशाली कार्यकाल
राजीव कृष्ण ने अपने करियर में मथुरा, इटावा, फर्रुखाबाद, बुलंदशहर, आगरा, नोएडा और लखनऊ जैसे कई संवेदनशील जिलों में एसपी और एसएसपी के रूप में काम किया है। उनकी छवि एक ईमानदार, निष्पक्ष और सख्त अफसर की रही है।
ATS की स्थापना और सीमाओं की सुरक्षा में निभाई अहम भूमिका
राजीव कृष्ण की अगुवाई में ही उत्तर प्रदेश एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (ATS) की स्थापना हुई थी। ATS ने प्रदेश में आतंकवाद से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा उन्होंने बीएसएफ (BSF) में आईजी ऑपरेशंस के पद पर रहते हुए भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश सीमा पर चार वर्षों तक अभियान चलाए। उन्होंने सीमा प्रबंधन को आधुनिक बनाने के लिए सेंसर-बेस्ड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम की शुरुआत की, जिससे घुसपैठ और तस्करी पर कड़ा नियंत्रण संभव हुआ।
प्रदेश की कई प्रमुख जिम्मेदारियों पर रहे तैनात
राजीव कृष्ण लखनऊ के एसपी, आगरा के डीआईजी, मेरठ रेंज के आईजी, लखनऊ और आगरा के एडीजी, आईजी पीएसी मुख्यालय और मध्य जोन जैसे पदों पर रह चुके हैं। इसके अलावा वह जम्मू-कश्मीर में बीएसएफ के आईजी भी रहे।
नई जिम्मेदारी से प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था की उम्मीद
उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग को अब उनसे बेहतर नियंत्रण, आधुनिक सोच और सख्त प्रशासन की उम्मीद है। राजीव कृष्ण की नियुक्ति को प्रदेश के पुलिस तंत्र में एक नई ऊर्जा और दिशा के रूप में देखा जा रहा है।