बताया जा रहा है कि मेल आईडी को करीब 20 से 30 मिनट के लिए बनाया गया था। स्कूलों में बम होने के धमकी भरे मेल भेजने के बाद इस आईडी को डिलीट कर दिया गया।
दिल्ली-एनसीआर के करीब 223 स्कूलों में धमकी भरे मेल भेजने वाली मेल आईडी को कुछ समय के लिए बनाया गया था। बताया जा रहा है कि मेल आईडी को करीब 20 से 30 मिनट के लिए बनाया गया था। स्कूलों में बम होने के धमकी भरे मेल भेजने के बाद इस आईडी को डिलीट कर दिया गया।
ये खुलासा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल व अपराध शाखा की जांच में हुआ है। जांच में जुटे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि मेल आईडी भारत में ही बनाई गई। इस मामले की जांच स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस (सीआई) कर रही है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल के एक अधिकारी ने बताया कि जिस मेल आईडी savari.im@mail.com से दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में एक मई को धमकी भरे मेल किए गए हैं वह मेल एक जून को ही सुबह के समय बना था। मेल करीब 20 से 30 मिनट रखा था। इसके बाद इसे डिलीट कर दिया गया।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी ने कहीं पर वीपीएन नंबर का इस्तेमाल कर ओरिजनल आईडी को छिपा दिया। इसके बाद इस मेल से मास्को के मेल.आरयू सर्वर को हिट किया। ऐसे में ये पता नहीं लग रहा है कि आईपी एड्रेस क्या है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मास्को की मेल-सीयू ही बता सकती है कि उनके सर्वर को हिट करने वाली आईडी का आईपी एड्रेस क्या है।
एक तरीका ये की है कि एक मई को सुबह के समय करीब घंटे के भारत से मास्को की तरफ जाने ट्रैफिक का पता लगाया जाए कि वहां मेल आईडी को भारत से किस- किस ने हिट किया। भारत सरकार के जरिए ही इंटरनेट गेटवे से सुबह पांच से छह बजे के बीच के मास्को को जाने वाले ट्रैफिक का पता लग सकता है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरयू पर किसी तरह का वेरीफिकेशन या पुलिस वेरीफिकेशन नहीं होता।
धमकी देने के लिए ही बनाई गई थी मेल आईडी
दिल्ली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि मेल भेजने वाली मेल आईडी को धमकी भरे मेल भेजने के लिए ही बनाया गया था। मेल भेजने के बाद कुछ समय के बाद इस मेल आईडी केा डिलीट कर दिया गया था।