आरोपी रितिक कुमार, मनीष कुमार और संजय कुमार गूगल पर किसी कंपनी या किसी जरूरत के लिए अपना मोबाइल नंबर डालते थे। इसके बाद ये पीडि़त के साथ ठगी करते थे। आरोपी 100 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं।
साइबर थाना पुलिस ने ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है। आरोपी रितिक कुमार, मनीष कुमार और संजय कुमार गूगल पर किसी कंपनी या किसी जरूरत के लिए अपना मोबाइल नंबर डालते थे। इसके बाद ये पीडि़त के साथ ठगी करते थे। आरोपी 100 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं।
दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान ने बताया कि पंचशील पार्क, नई दिल्ली निवासी एक महिला शिकायतकर्ता ने शिकायत दी थी उसने एक घरेलू आटा मशीन खरीदी थी। ये मशीन खराब निकली। उसने इसकी कंपनी में शिकायत दर्ज कराने के लिए कंपनी के नंबर के लिए गूगल पर नंबर तलाशे। पीडि़ता को दो नंबर मिले। जब उसने इन नंबरों पर संपर्क किया तो उसे कहा गया कि उनके बैंक खाते में पैसे वापस कर दिए जाएंगे और वे आटा मशीन वापस ले लेंगे। शिकायतकर्ता ने पैसे वापस पाने के लिए उसे अपना पेटीएम पेमेंट वॉलेट नंबर दिया, लेकिन उनके खाते से 1,29,000 रुपये निकल गए। मामला दर्जकर साइबर थाना प्रभारी अरुण कुमार वर्मा की देखरेख में डब्ल्यू/एसआई प्रीति मान, एसआई गुमान सिंह, हवलदार सुनील और रजनीश की टीम ने जांच शुरू की।
एसआई प्रीति मान ने उन बैंक खातों की डिटेल खंगाली जिनमें ठगी का पैसा गया था। जांच में पता लगा कि धोखाधड़ी का पैसा पटना निवासी संजय कुमार के नाम पर पंजीकृत खाते में स्थानांतरित किया गया था और उसी दिन झारखंड के जामताड़ा से एटीएम के माध्यम से पैसा निकाला गया था। ये भी पता लगा कि ठगी के ज्यादातर पैसे का उपयोग गूगल इंडिया पेमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया पाया गया।
इसके बाद एसआई प्रीति मान की टीम ने पटना में छापा मारकर रितिक, मनीष और संजय को गिरफ्तार कर लिया। इनकी निशानदेही पर 6 मोबाइल, 1 पासबुक, 1 आधार कार्ड (लाभार्थी खाता) और 1 सिम (लाभार्थी सीएएफ में वैकल्पिक नंबर) बरामद किया गया।
खाता खुलवाकर बेचा
आरोपी खाताधारक संजय ने खुलासा किया कि कथित बैंक खाता खोलने में उसके चचेरे भाई (मनीष) ने उसकी मदद की थी। इसके बाद आरोपी मनीष द्वारा एटीएम कार्ड, पासबुक, कथित बैंक खाते से जुड़े सिम आदि वाली किट ले ली गई और इसके बदले में आरोपी संजय को 6000 रुपये दिए। मनीष ने खुलासा किया कि उसने संजय का बैंक खाता अपने दोस्त रितिक को बेच दिया था जो कमीशन पर बैंक खाते खरीदने का काम करता था। इसके बाद  आरोपी रितिक ने खुलासा किया कि वह अपने दोस्तों के साथ जुड़ा हुआ है, जिनके झारखंड के जामताड़ा में संबंध हैं।
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