वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर विज्ञापन देने वाली कंपनी कोका-कोला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कम-से-कम 30 दिन तक विज्ञापन नहीं देने का फैसला किया है। कोका कोला के चेयरमैन और सीईओ जेम्स क्विंसी की ओर से जारी संक्षिप्त बयान में कहा गया है, ‘दुनिया में नस्लवाद की कोई जगह नहीं है और सोशल मीडिया पर भी नस्लवाद का कोई स्थान नहीं है।’ उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया को अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाए जाने की जरूरत है।
क्विंसी ने कहा कहा कि ‘इन 30 दिनों के दौरान कोका-कोला अपनी विज्ञापन नीति का नए सिरे से आकलन करेगा। साथ ही इस बात का निर्धारण करेगा कि किसी प्रकार के बदलाव की जरूरत है या नहीं।’
कई बड़े ब्रांड ने नफरत फैलाने वाली सामग्री से निपटने के लिए कदम उठाने को लेकर दबाव डालने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का बहिष्कार किया है।शीतल पेय बनाने वाली दिग्गज कंपनी ने CNBC से कहा है कि विज्ञापन को लेकर लिए गए इस मौजूदा ब्रेक का मतलब यह नहीं है कि कंपनी पिछले सप्ताह अफ्रीकी अमेरिकियों और सोशल सोसायटी समूहों द्वारा शुरू शुरू किए गए अभियान में शामिल हो रही है।
ये समूह कंपनियों से फेसबुक पर विज्ञापन रोकने के लिए कह रहे हैं। इस समूह में नेशनल एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ कलर्ड पीपुल (NAACP) जैसे संगठन शामिल हैं। ये समूह #StopHateForProfit के साथ अभियान चला रहे हैं।
इस अभियान का लक्ष्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नफरत, नस्लवाद या हिंसा फैलाने वाले समूहों से सख्ती से निपटने वाला तंत्र विकसित करना है।
लिपटन टी और बेन एंड जेरी आइसक्रीम जैसे प्रोडक्ट्स बनाने वाली यूनिलीवर ने कहा है कि उसने चुनाव के ध्रुवीकरण वाली अवधि होने की वजह से 2020 के आखिर तक फेसबुक, ट्विटर और इन्स्टाग्राम पर विज्ञापन रोकने का फैसला किया है।