बीसीसीआई के बीच आपसी मतभेद शनिवार (31 मार्च) को बदतर हो गए जब विनोद राय की अध्यक्षता वाली प्रशासकों की समिति ने भ्रष्टाचार निरोधक ईकाई के नए प्रमुख अजीत सिंह की नियुक्ति कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी की सहमति के बिना ही मंजूर कर दी. बीसीसीआई के महाप्रबंधक (प्रशासन) प्रोफेसर रत्नाकर शेट्टी के कार्यकाल को विस्तार देने के चौधरी के प्रस्ताव को भी दो सदस्यीय समिति ने शनिवार को खारिज कर दिया. समझा जाता है कि सीओए ने कार्यवाहक सचिव चौधरी के सिंह के नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर करने का इंतजार किया, लेकिन उन्होंने हस्ताक्षर से इनकार कर दिया . दिल्ली के पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी नीरज कुमार का कार्यकाल शनिवार (31 मार्च) को खत्म होने के कारण नए वित्तीय वर्ष के लिए नियुक्ति अनिवार्य थी. कुमार आईपीएल तक अगले दो महीने सिंह की मदद करेंगे. चौधरी ने संपर्क किए जाने पर इसकी पुष्टि की कि नियुक्ति उनकी मंजूरी के बिना हुई है. उन्होंने कहा,‘‘मैंने मीडिया विज्ञप्ति देखी है. मैं सीओए को जवाब देने जा रहा हूं.’’ जिसके बाद चौधरी ने सीओए पर निशाना साधते उन्हें पत्र लिखा.
उन्होंने कहा कि वह आभार व्यक्त करना चाहेंगे कि उन्हें ऐसी नियुक्ति के बोझ मुक्त किया गया जिसका समर्थन कानून नहीं करता. इस संबंध में उनका मानना है कि सीईओ के ईमेल (नियुक्ति के बारे में) ने उन चिंताओं को दूर नहीं किया जो इस त्वरित मामले में निर्णय लेने की शक्तियों और प्रक्रिया जुड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि बोर्ड का प्रस्तावित संविधान उच्चतम न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हैं और जब तब उस पर फैसला नहीं आता बीसीसीआई केवल बोर्ड के मौजूदा नियमों के तहत ही नियुक्ति कर सकता खेल बीसीसीआई सहमति खेल बीसीसीआई सहमति दिल्ली है.
वहीं दूसरी ओर भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने राजस्थान के पूर्व पुलिस महानिदेशक अजीत सिंह को शनिवार (31 मार्च) को भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) का प्रमुख नियुक्त किया. वह दिल्ली पुलिस के पूर्व महानिदेशक नीरज कुमार की जगह लेंगे. नीरज कुमार 31 मई 2018 तक बीसीसीआई को एसीयू के सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं देते रहेंगे. अजीत सिंह राजस्थान कैडर के 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं जो पिछले साल 30 नवंबर को राजस्थान के शीर्ष पुलिस अधिकारी के पद से सेवानिवृत हुए थे. बीसीसीआई की विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘भारतीय पुलिस सेवा में लगभग 36 साल की सेवाएं देने वाले सिंह को भ्रष्टाचार विरोधी अभियान, खोजी कार्य और पुलिस व्यवस्था के मामले में काफी अनुभव है.’’