ट्रिपल तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिलाओं को अब इसका पुरस्कार मिलने लगा है. ताजा मामला उत्तर प्रदेश का है, जहां मंगलवार को अल्पसंख्यक आयोग के सदस्यों का ऐलान किया गया तो ऐसा चेहरा भी आयोग में शामिल हुआ जो खुद ना सिर्फ तीन तलाक का पीड़ित रहा है बल्कि उसने सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई भी लड़ी है.
यूपी अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य बनीं सोफिया
कानपुर की रहने वाली सोफिया अहमद उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य चुनी गई हैं. सोफिया ने फरवरी 2017 में ट्रिपल तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और उस मुस्लिम महिला ग्रुप की सदस्य थी, जो ट्रिपल तलाक के खिलाफ अदालती लड़ाई लड़ रहा था. अब जबकि सरकार इस बिल को शक्ल देने वाली है ऐसे में तीन तलाक के खिलाफ लड़ने वाली महिलाओं को पुरस्कार मिलने का सिलसिला जारी है.
2016 में बीजेपी की सदस्य बनी थीं सोफिया
योगी सरकार ने अल्पसंख्यक आयोग के सदस्यों का ऐलान किया है, उसमें सोफिया अहमद का नाम है. सोफिया अहमद 2016 में बीजेपी की सदस्य बनी थीं और तभी से इस मुद्दे को लेकर मुखर थी. पूर्व एमएलसी मोहम्मद तनवीर हैदर उस्मानी यूपी अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष बनाए गए हैं.
ये भी बने यूपी अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य
सोफिया अहमद के अलावा सुरेश जैन, सुखदर्शन बेदी, मनोज कुमार मसीह, सैयद इकबाल हैदर, मो. असलम और रूमाना सिद्दीकी को आयोग का सदस्य बनाया गया है.
योगी ने महिला स्वाभिमान को सम्मानित किया: BJP
बीजेपी प्रवक्ता डॉक्टर चंद्रमोहन ने कहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोफिया अहमद को आयोग का सदस्य बनाकर महिला स्वाभिमान और आत्मसम्मान की लड़ाई को सम्मानित किया है. ये सोफिया ही नहीं बल्कि उन महिलाओं का भी सम्मान है जो विपरीत परिस्थितियों में भी जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने मैं पीछे नहीं रहती.
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों में ज्यादातर वे लोग हैं, जो कहीं न कहीं बीजेपी से जुड़े रहे हैं और पार्टी के अल्पसंख्यकों की आवाज उठाते रहे हैं.
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