रूस के दो दिन के दौरे से लौटने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ फिर से फार्म में हैं। एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को पारदर्शिता के साथ कार्यों के तेजी से निस्तारण में हीला-हवाली पर अफसरों को कठघरे में खड़ा करते हुए चेतावनी दी। उन्होंने दो टूक कहा कि उनके एक बार कहने पर ही नतीजे आने चाहिए। एक ही बात को वह बार-बार नहीं कहेंगे। बैठक में सतही जानकारी के साथ नहीं बल्कि पूरे होमवर्क के साथ आएं। भविष्य में ऐसा होने पर कठोर कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि देश के लिहाज से उत्तर प्रदेश की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। हम पिछलग्गू बनकर नहीं रह सकते। अधिकारी अपने रवैये में बदलाव लाएं। निर्णय लें और तेजी से कार्यों को पूरा करें। जो भी निर्णय लिए जाएं, उनके फॉलोअप की मजबूत व्यवस्था भी करें और समय से अमल सुनिश्चित कराएं। मुख्यमंत्री ने शहरों के अनियोजित विकास पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अनियोजित विकास कमाई का जरिया बन गया है। अवैध निर्माण के बाद आंख तब खुलती है, जब अधिकारियों को अपनी जेब भरनी होती है। हर शहर में एक टाउन प्लॉनर नियुक्त किया जाए। कंपाउंडिंग की श्रेणीवार व्यवस्था कर प्राधिकरण अपनी आय बढ़ाए। हर काम के लिए सरकार से पैसे की उम्मीद न करें। योगी ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच राजस्व से जुड़े मामलों पर जल्द कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वांचल एवं बुंदेलखंड विकास बोर्ड में सक्षम सलाहकार नियुक्त किए जाएं। उन्होंने गंगा एक्सप्रेस-वे, लोहिया और कांशीराम आवासों के आवंटन की प्रगति की भी जानकारी ली।
बिल्डर से रिश्तेदारी न निभाएं डीएम-एसएसपी
शाहबेरी मामले में बिल्डरों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई न होने पर सीएम ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अब तक तो वहां के बिल्डरों को जेल में होना चाहिए। संबंधित डीएम व एसएसपी बेईमान बिल्डरों से रिश्तेदारी न निभाएं। उनकी संपत्ति को जब्त कर नीलाम करें और ग्राहकों को उनका पैसा वापस दिलाएं। अवैध निर्माण को ध्वस्त करें।