पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार में घायल होने के बाद राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. इस मामले में टीएमसी नेताओं ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर निष्पक्ष जांच की मांग की. वहीं इस मामले को लेकर रविवार को आयोग ने विशेष बैठक बुलाई. इस बैठक में राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक की उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है. समिति को इस मामले की जांच कर जल्द जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.
विभिन्न रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्यमंत्री सहित पश्चिम बंगाल के वीवीआईपी की सुरक्षा व्यवस्था के निदेशक विवेक सहाय का रवैया भी विचित्र, गैर जिम्मेदाराना और लचर दिखा. वो खुद वीवीआईपी के लिए तैनात बुलेटप्रूफ वाहनों में घूमते हैं और ममता बुलेटप्रूफ के बजाय साधारण वाहन में.
रिपोर्ट के अनुसार सीएम ममता बनर्जी भी अक्सर सुरक्षा व्यवस्था की कोई परवाह नहीं करतीं और प्रोटोकॉल तोड़ती रहती हैं. ऐसे में उनकी सुरक्षा से जुड़ी कभी भी और कैसी भी अप्रिय स्थिति की आशंका बनी रहती है. निर्वाचन आयोग ने सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की सिफारिश राज्य प्रशासन से की है.सूत्रों के मुताबिक सहाय का निलंबन या तबादला किया जा सकता है.
चुनाव इस बैठक के बाद माना जा रहा है कि सीएम की सुरक्षा व्यवस्था के निदेशक विवेक सहाय के खिलाफ भी एक्शन लिया जा सकता है. वहीं निर्वाचन आयोग इस घटना के बाद स्टार प्रचारकों के लिए सुरक्षा व्यवस्था और मानक प्रोटोकॉल को लेकर एहतियाती निर्देशिका जारी करने पर भी विचार कर रहा है. इन निर्देशों का स्टार प्रचारकों को सख्ती से पालन करना होगा.
सीएम ममता के साथ हुई घटना में प्रशासन की लापरवाही, सुरक्षा के लचर इंतजाम और अधिकारियों की मनमानी के सबूत मिलने के बाद निर्वाचन आयोग ने सख्त तेवर अपनाते हुए कहा है कि अगर भविष्य में चुनावों के दौरान ऐसी घटनाएं होती हैं तो उस जिले के डीएम और एसपी फौरन हटाए जाएंगे. यानी ये घटना भविष्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष और निर्भय चुनाव व्यवस्था के लिए मील का पत्थर जरूर बन सकती है.