गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बुधवार को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कई अहम बातें कही। इसके साथ ही उन्होंने चीन के साथ भारत के मौजूदा रिश्तों पर भी अपनी बात रखी। अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की है कि वो चीन में बने सामानों का विरोध करें। दिल्ली के सीएम ने कहा कि आज हम 74वां गणतंत्र दिवस मना रहे है तो उसमें दो बातें महत्वपूर्ण है। पहला, हम मीडिया में पढ़ते है सोशल मीडिया पर देखते हैं कि हमारी सीमाओं के ऊपर चीन हमें आंखें दिखा रहा है। आज एक अखबार में छपा है कि चीन ने हमारी कुछ धरती के ऊपर कब्जा कर लिया। यह हम सब लोगों के लिए चिंता का विषय है।
चीन के सैनिकों से हमारे सैनिक उनसे लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। हमारे सैनिक चीन का मुकाबला कर रहे हैं। एक तरफ चीन से हमारे सैनिक लड़ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ पूरे देश को सारी सरकारों और हर भारतवासी का फर्ज बनता है कि हम उनकी इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलकर साथ दें। हमारा भी फर्ज बनता है कि चीन को संदेश दिया जाए कि भारत यह बर्दाश्त नहीं करेगा। हमारा फर्ज बनता है कि हम चीन का बहिष्कार करें और उसे कड़ा संदेश थे।
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि पीछे कुछ बरसों में चीन से हमने क्या किया? उसने व्यापार बढ़ा लिया। वह सीमा पर हमें आंख दिखा रहा है लेकिन हम अपना व्यापार बढ़ाते जा रहे हैं। हमने 2020 में चाइना के साथ 65 बिलियन डॉलर का सामान खरीदा। वहीं 2021 में 95 बिलिनय डॉलर का सामान खरीदा। हम चाइना को अमीर बनाते जा रहे है, उनसे बहुत सामान खरीद रहे हैं। उन्हें पैसा दिए जा रहे हैं। हमारे पैसों से वह हथियार खरीद रहे हैं उन्हीं से हमारे ऊपर हमला कर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चप्पल, जूता, गद्दे, कूशन, चश्मे खरीद सब चाइना से खरीद रहे हैं। यह सारी चीज हम भी बना सकते हैं। हमारे देश में बना सकते हैं। यह सामान हम भारत में क्यों नहीं बना सकते हैं। हमारे भारत में क्या कमी है, खूब बन सकती है। ये ऐसा सामान तो है ही नहीं कि जो हमारे देश में नहीं बन सकता है। अगर यह हमारे देश में बनेगा तो रोजगार बढ़ेगा। सरकार को टैक्स मिलेगा। हमें काम मिलेगा। हम सारा रोजगार चाइना के लोगों को देते जा रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर सरकार देश के उद्योगपतियों को मौका दे तो यह सारी चीज हम देश के अंदर बना सकते हैं। अपने युवाओं को नौकरी मिलेगी और चाइना को कड़ा संदेश जाएगा कि हमें तुम्हारे सामान की जरूरत नहीं है। बीते पांच-छह सालों के अदंर 12 लाख व्यापारी व उद्योगपति भारत छोड़कर बाहर चले गए। वह व्यवस्था से परेशान होकर एजेंसी से परेशान होकर। अपने देश के व्यापारी तंग आ गए हैं कि धंधा करना मुश्किल हो गया है।
बीते पांच साल में 12 लाख लोग छोड़कर चले गए। अपने लोगों को भगा रहे हैं और चाइना से सामान आयात कर रहे हैं इससे देश कैसे आगे बढ़ेगा। भारत को आगे भारत के लोग ही ले जाएंगे। अपने देश का पैसा अपने देश में लगाएंगे तो देश तरक्की करेगा। पूरी दुनिया में भारत के लोग हैं। उनके लिए ऐसी व्यवस्था हो कि वह भारत में आकर भारत की तरक्की करें।