यूपी। पूर्वांचल में जिस तरह से पिछले तीन-चार दिनों से मौसम में बदलाव हो रहा है उसको लेकर खेती किसानी पर तो असर पड़ेगा ही जरा सी लापरवाही सेहत पर भारी पड़ सकती है। बूंदाबांदी, नम पछुआ हवा, सुबह-शाम कोहरा, तापमान में उतार-चढ़ाव। इस तरह के बदलाव से सर्दी, खांसी, जुकाम के साथ ही बच्चों में निमोनिया और हृदय रोग होने की आशंका अधिक है। चिकित्सकों के मुताबिक लोगों को सेहत के प्रति ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है।
पहाड़ों पर लगातार हो रही बर्फबारी की वजह से ही मैदानी इलाकों में मौसम बदला है। सोमवार को तो दिन में धूप नहीं निकली थी और मंगलवार को भी लोगों को कोई राहत नहीं मिली। दिन भर बादल छाए रहने के साथ ही दोपहर में बूंदाबांदी होने के बाद से तो ठंड और बढ़ गई।
इस बीच पिछले 24 घंटे में अधिकतम तापमान में भी पांच डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञानिक एसएन पांडेय के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ का ही असर है। अभी एक दो दिनों तक मौसम ऐसे ही बना रहेगा। इस बीच सोमवार को अधिकतम तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस की जगह मंगलवार को पांच डिग्री कम होकर 20 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया जबकि न्यूनतम तापमान 13.8 की जगह 14.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
अस्पतालों में सर्दी, खांसी जुकाम के मरीज अधिक-
कोरोना काल चल रहा है और जरा सी सर्दी, खांसी, बुखार आने पर लोगों को कोरोना का डर सताने लगा है। मंडलीय अस्पताल, रामनगर अस्पताल के साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों पर भी मौसमी बीमारियों के ही मरीज अधिक पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों के मुताबिक मौसम में बदलाव की वजह से भी सर्दी, खांसी, जुकाम होने की संभावना रहती है।
क्या कहते हैं चिकित्सक-
अचानक जिस तरह से बदलाव हुआ है, उससे सेहत को लेकर सतर्क रहना होगा। विशेषकर पहले से बीमार लोगों, बुर्जुर्गों, बच्चों की सेहत की निगरानी करते रहने की जरूरत है। सुबह के समय टहलने से बचना चाहिए क्योंकि ठंड लगने से हृदयाघात होने की संभावना अधिक रहती है। बहुत जरूरी हो तो सुबह और शाम घर से बाहर गर्म कपड़ा पहनकर ही निकलना चाहिए।
मौसम बदलने के साथ ही सांस लेने में तकलीफ, थकान, पाचन तंत्र संबंधी समस्या सहित अन्य मौसमी बीमारियां होने लगती है। बुखार आना शरीर की सामान्य समस्याओं में एक हैं। शरीर का तापमान अधिक होने के भी कई कारण है। अगर शरीर का तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट या इससे अधिक हो और तीन दिन से अधिक बुखार हो तो तुरंत अस्पताल में जांच करानी चाहिए।
ये बरतें सावधानी:
घर में पंखा चलाकर सोने से बचें।
ठंडी वस्तुओं का सेवन करने से परहेज करें।
गर्म भोजन ही करना चाहिए।
संभव हो तो गुनगु़ना पानी पीना चाहिए।
अधिक तेल, मसालायुक्त भोजन से बचें।
मौसमी सब्जियों, फलों का सेवन करें।
नींबू संतरा, आंवला का अधिक सेवन करें।