कभी भारतीय टीम के क्रिकेटर पूरे विदेशी दौरे पर पत्नियों और परिवार वालों को लेकर घूमते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। खिलाड़ियों की अति और पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया में खत्म हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हार के बाद बीसीसीआइ ने 10 सूत्रीय नियमों से क्रिकेट में सुधार की तैयारी की है।
इसमें नई यात्रा नीति भी आई है जो बुधवार से पाकिस्तान और दुबई में शुरू हो रही आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से लागू हो रही है। यह टूर्नामेंट नौ मार्च तक चलेगा। भारत को अपने तीनों ग्रुप मैच दुबई में खेलने हैं। अगर रोहित शर्मा की टीम सेमीफाइनल या फाइनल में पहुंचती है तो वे मुकाबले भी दुबई में ही होंगे।
बीसीसीआई ने बदला नियम
पहले खबर आई थी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों की पत्नियां या परिवारवाले उनके साथ नहीं जाएंगे लेकिन बीसीसीआई के सूत्र ने दैनिक जागरण को बताया कि अगर कोई खिलाड़ी अपने परिवार को दुबई ले जाना चाहता है तो एक मैच में ले जा सकता है। भारत को 20 को बांग्लादेश, 23 को पाकिस्तान और दो मार्च को न्यूजीलैंड से भिड़ना है।
सूत्र ने कहा कि टीम प्रबंधन के एक शीर्ष व्यक्ति ने दुबई जाने से पहले बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया से बात की थी। इसमें ये तय हुआ कि यह टूर्नामेंट काफी छोटा है। अगर किसी के परिवारवालों को जाना है तो वह बीसीसीआई को बता सकता है कि किस मैच में उन्हें जाना है? उसके हिसाब से उन्हें अनुमति दे दी जाएगी।
बीसीसीआई को सौंपी लिस्ट
टीम प्रबंधन की तरफ से बीसीसीआई को लिस्ट सौंपी जानी थी। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि पूरी टीम दुबई में है और इसीलिए शुरू से किसी के साथ परिवार नहीं गया है क्योंकि अभी तक हर खिलाड़ी को सिर्फ एक मैच में परिवार को ले जाने की अनुमति मिली है। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि किसी खिलाड़ी ने अनुमति मांगी है कि नहीं।
उन्होंने कहा कि अब ये खिलाड़ी को चुनना है कि किसी मैच में उनका परिवार जाएगा। बहुत से लोग शायद कम दिन के लिए परिवार को ले भी न जाएं। बीसीसीआई की नई नीति के तहत टीम के 45 दिन या अधिक समय भारत से बाहर रहने पर खिलाड़ी की पत्नी और बच्चे (18 वर्ष से कम उम्र के) अधिकतम दो सप्ताह के लिए साथ रह सकते हैं। छोटे दौरे पर यह लिमिट एक सप्ताह है। इस नीति से अलग जाने पर उन्हें कोच, कप्तान और जीएम परिचालन से अनुमति लेनी होगी। इससे इतर अवधि के लिए खर्च भी बीसीसीआइ नहीं उठाएगा।