केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अगले साल से 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा एक महीना पहले आयोजित करेगा. यानी वर्ष 2018 से सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं मार्च की बजाय फरवरी माह में होंगी. दरअसल बोर्ड चाहता है कि उसे स्टूडेंट्स की आंसर-शीट जांचने के लिए पर्याप्त समय मिले, ताकि किसी तरह की गड़बड़ी न हो. बोर्ड ने इस संबंध में योजना का खाका तैयार कर लिया है.भारत की पाकिस्तान से हार पर बहुत प्रतिक्रियाएं देखी होंगी, लेकिन ऐसा रिएक्शन पहले नहीं देखा होगा……
अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार सीबीएसई की यह भी चाहती है कि परीक्षाएं एक माह के भीतर पूरी हो जाएं. मौजूदा स्थिति यह है कि एग्जाम अमूमन 1 मार्च से शुरू होकर 20 अप्रैल तक चलते हैं, यानी यह प्रक्रिया करीब 45 से 50 दिन तक खिंच जाती है.
नतीजे भी आएंगे जल्दी
सीबीएसई के चेयरमैन आर के चतुर्वेदी ने कहा कि इन बदलावों से नतीजे भी जल्दी घोषित हो सकेंगे, जो कि वर्तमान में मई के तीसरे या चौथे सप्ताह तक जारी होते हैं. रिजल्ट जल्दी आने से स्टूडेंट्स को अंडरग्रेजुएट एडमिशन प्रक्रिया के लिए ज्यादा समय मिलेगा. वह तमाम विकल्पों पर विचार कर पाएंगे. चतुर्वेदी ने कहा, ‘हमारी योजना है कि अगले से एग्जाम 15 फरवरी तक शुरू करवा दिए जाएं और एक माह के भीतर ये समाप्त हो जाएं.’
मिल पाएंगे अनुभवी टीचर्स
चतुर्वेदी ने कहा कि चूंकि अप्रैल माह के अंत से छुट्टियां शुरू हो जाती हैं और कॉपी चेक करने के लिए टीचर्स नहीं मिल पाते. ऐसे में मार्च मध्य से कॉपी चेक करने का काम शुरू हो तो बोर्ड को काफी मदद मिलेगी. अप्रैल माह में स्कूल आंसरशीट चेक करने के लिए हमें अस्थायी, एडहॉक और नवनियुक्त अध्यापक ही उपलब्ध करवा पाते हैं. अनुभव अध्यापक इस काम में अपनी कम दिलचस्पी दिखाते हैं. बोर्ड को उम्मीद है कि नई स्कीम के तहत अच्छे और अनुभवी अध्यापक भी कॉपी चेकिंग के आएंगे. इसके अलावा वह कॉपी जांचने वालों के लिए दो ट्रेनिंग सेशन आयोजित करेगी.