जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता ताज मोहिउद्दीन के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने करोड़ों रुपये के रोशनी भूमि घोटाले के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।
भूमि कब्जा करने वाले राजनीतिज्ञों, पुलिस अफसरों, अफसरशाह और भूमाफियाओं के कोकोस के खिलाफ दायर बहुचर्चित जनहित याचिका में गांव चक लालो शाह में 342 कनाल जमीन के मालिकों ने पूर्व मंत्री की तीन बेटियों के खिलाफ जमीन पर कब्जा करने की विविध याचिका दायर कर दी गई थी।
जमीन के मालिक कामिनी गुप्ता, गीता गुप्ता, अर्चना गुप्ता, लक्ष्मी गुप्ता, रोमी गुप्ता और उनकी मां चंचला गुप्ता (पत्नी स्व. हेमराज गुप्ता) ने याचिका में कहा था कि पूर्व पीएचई मंत्री ताज मोहिउद्दीन की तीन बेटियों के कब्जे वाली उनकी जमीन को छुड़वाया जाए। याचिकाकर्ता के वकील एससी गुप्ता ने विविध याचिका में कहा था कि भूमाफियाओं से संबंधित एक याचिका हाईकोर्ट की खंडपीठ के समक्ष लंबित है।
पूर्व मंत्री की पहुंच के कारण आवेदक बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। गांव चक लालो शाह स्थित खसरा नंबर एक में उनकी कानूनी रूप से 342 कनाल जमीन है। जबकि कब्जा-ए-नजायज के रूप में पूर्व मंत्री की बेटियों शबनम ताज, नौशीन ताज और अर्शी ताज के नाम दिख रहा है।
आवेदक के अनुसार जनहित याचिका के पारा 18 में ध्यानाकर्षक ने मंत्री की तीनों बेटियों के नाम अवैध कब्जे पर प्रकाश डाला था। रेवेन्यू रिकार्ड में उक्त जमीन पूर्ण रूप से दो भाइयों तिलकराज और हेम राज (याचिकाकर्ता के पिता और चाचा) के नाम पर दर्ज है। लेकिन खसरा गिरदावरी में पूर्व मंत्री की तीनों बेटियों का गैरकानूनी कब्जा दर्शा रहा है।
याचिका में कहा गया था कि रिकार्ड के अनुसार उक्त जमीन की मालिक पूर्व मंत्री की तीनों बेटियां हैं, जबकि हकीकत यह है कि कब्जे का मुख्य एक्टर ताज मोहिउद्दीन ही है। इस संबंध में राजस्व विभाग के अफसरों को शिकायत की गई, लेकिन परिणाम निराश करने वाले रहे। यही कारण है कि पूर्व मंत्री उक्त जमीन पर अवैध कब्जा बनाए हुए हैं।