आइआरसीटीसी घोटाले में चर्चित मामले में बुघवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव उनकी पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी तथा बेटे तेजस्वी यादव सहित अन्य के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर अदालत में अपनी बात रखी। मामले की सुनवाई दिल्ली के राउज एवेन्यू की विशेष अदालत में हुई।

इसके पहले की सुनवाई में तेजस्वी यादव की इस याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया था कि सीबीआइ के आरोप पत्र पर फैसला होने तक इस मामले से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय के मुकदमे में आरोप पत्र पर बहस रोक दी जाए। अदालत ने कहा कि सीबीआइ व इडी की सुनवाई अलग-अलग चलेगी। इसके बाद आज सीबीआइ ने अदालत में अपना पक्ष रखा।
अगली सुनवाई पांच अगस्त को
सीबीआइ ने अदालत में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी व तेजस्वी यादव सहित सभी आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर अपना पक्ष रखा। अब मामले की अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी, जिनमें आरोप तय कर दिए जाने की संभावना है।
आइआरसीटीसी घोटाला, एक नजर
लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आइआरसीटीसी) के जरिये रांची और पुरी में चलाये जाने वाले दो होटलों की देखरेख का काम अचानक सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को दे दिया गया था। इस कंपनी के मालिक विनय और विजय कोचर थे। आरोप है कि सुजाता होटल्स ने इसके बदले लालू परिवार की लारा कंपनी को पटना के सगुना मोड़ के पास तीन एकड़ जमीन दी। इससे संबंधित दो मुकदमे सहबीआइ व ईडी में दर्ज है। दोनों जांच एजेंसियां इस मामले में लालू परिवार से पूछताछ कर चुकी हैं।
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