लखनऊ

सरकारी बंगले में तोड़फोड़ के आरोपों के बीच अपने नए घर पहुंचे अखिलेश, ट्विटर पर वायरल हुई तस्वीर

सरकारी बंगला छोड़ने के बाद अखिलेश लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में रह रहे थे।

सरकारी बंगले में तोड़फोड़ के विवाद के बीच सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने नए घर में प्रवेश किया। उन्होंने इसकी तस्वीरें ट्विटर पर भी साझा की। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश के …

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एक कोतवाली में चार इंस्पेक्टर, मतलब एक म्यान में चार तलवार, डीजीपी के फैसले का विरोध हुआ शुरू

रिटायर्ड डीजीपी विक्रम सिंह का कहना है कि यह प्रयोग पूरी तरह सफल होगा, इस पर संशय है। अगर इसे लागू ही करना था तो पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पूरब, पश्चिम व मध्य यूपी के एक-एक जिले में दो-तीन महीने के लिए करके देख लेना चाहिए था। इससे न सिर्फ कुछ नई चीजें सामने आतीं बल्कि कमियों को दूर करने का मौका भी होता। पूरे प्रदेश में 414 कोतवाली पर एक साथ इसे लागू करना जोखिम भरा, मगर साहसिक निर्णय है। इससे आउटपुट पर नकारात्मक फर्क पड़ेगा क्योंकि किसी भी इंस्पेक्टर की ख्वाहिश होती है कि वह थाने का प्रभारी बने। ऐसे में अगर उसे एडिशनल इंस्पेक्टर कानून-व्यवस्था, क्राइम या अपराध की जिम्मेदारी मिलती है तो वह अपने सीनियर की टांग खींचने या उसे फेल करने की अधिक कोशिश करेगा न कि आउटपुट देने की।

एक कोतवाली में चार इंस्पेक्टर की नियुक्ति के आदेश का पुलिस महकमे में अंदरूनी तौर पर विरोध शुरू हो गया है। हालांकि कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा है, लेकिन चर्चा है कि इंस्पेक्टरों के एक बड़े वर्ग में ही …

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मुलायम सिंह नए आशियाना में पहुँचे, अखिलेश के आवास में तोडफ़ोड़ का आकलन शुरू

लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकारी आवास खाली करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने गुरुवार को शहीद पथ पर स्थित हाईटेक टाउनशिप अंसल एपीआइ में डेरा डाल दिया। उधर, समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव द्वारा खाली …

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सिद्धार्थनाथ ने बताया- अब बीमारी के इलाज के लिए किसानों को नहीं बेचने पड़ेंगे खेत-खलिहान

लखनऊ। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि आयुष्मान भारत योजना लागू होने से प्रदेश के गरीब व जरूरतमंदों को बेहतर स्वास्थ्य की चिंता में अब अपनी जमीन या खेत-खलिहान न तो बेचना पड़ेगा और न ही गिरवी …

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अखिलेश यादव ने किया बड़ा ऐलान, लड़ेंगे यहाँ से लोकसभा चुनाव

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के महागठबंधन को लेकर बेहद सक्रिय समाजवादी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज बड़ी घोषणा की है। अखिलेश यादव इस बार लोकसभा चुनाव में कन्नौज से लड़ेंगे। इसके …

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पीजी सेमेस्टर परीक्षा की एक कापी जांचेंगे तीन शिक्षक

लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) व डिग्री कॉलेजों में परास्नातक (पीजी) कोर्सेज की सेमेस्टर परीक्षा की एक-एक कापी को तीन-तीन परीक्षक मिलकर जांचेंगे। इसका मकसद मूल्यांकन व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाना है। नए सत्र से पीजी सेमेस्टर परीक्षा की कापियों के मूल्यांकन में यह बड़ा बदलाव किया जाएगा। इसके साथ ही अब परीक्षा प्रणाली में चरणबद्ध ढंग से बदलाव किए जाएंगे। लविवि के कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि पीजी सेमेस्टर परीक्षा की कापियों के मूल्यांकन में विद्यार्थी किसी भी तरह का सवाल न उठाएं इसके लिए यह प्रयोग किया जा रहा है। एक ही कापी को तीन-तीन परीक्षक जांचेंगे तो निश्चित तौर पर गड़बड़ी होने की गुंजाइश नहीं रहेगी और मूल्यांकन के प्रति जवाबदेही भी तय होगी। केंद्रीय मूल्यांकन की व्यवस्था होने के कारण कापी भी समय पर जांची जा सकेंगी। फिलहाल परीक्षा की कापियों की कोडिंग की व्यवस्था पहले ही लागू की जा चुकी है और कापियों का मुख्य पृष्ठ ओएमआर बेस्ड होने के कारण मूल्यांकन के बाद रिजल्ट तैयार करना आसान हो गया है। प्रो. एसपी सिंह के मुताबिक स्नातक में पूरी तरह सेमेस्टर प्रणाली लागू की जा चुकी है। ऐसे में अब इसमें एक सेमेस्टर की परीक्षा बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित और दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा लिखित होगी। फिलहाल अब परीक्षा प्रणाली में चरणबद्ध ढंग से बदलाव किए जा रहे हैं और आगे आने वाले समय पर पूरी व्यवस्था फूलप्रूफ होगी। मूल्यांकन के प्रति विद्यार्थियों का भरोसा और बढ़ेगा। जो कि शिक्षा के लिहाज से बहुत जरूरी है। इससे कॉपी जांचने की प्रक्रिया पर भी भरोसा बढ़ेगा।

लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) व डिग्री कॉलेजों में परास्नातक (पीजी) कोर्सेज की सेमेस्टर परीक्षा की एक-एक कापी को तीन-तीन परीक्षक मिलकर जांचेंगे। इसका मकसद मूल्यांकन व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाना है। नए सत्र से पीजी सेमेस्टर परीक्षा की कापियों के …

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जी भरभर मनमानी-पाताल गया पानी, बढ़ी प्यास-सूखे कुएंजी भरभर मनमानी-पाताल गया पानी, बढ़ी प्यास-सूखे कुएं

सैकड़ों लोगों की प्यास बुझाने वाले ऐतिहासिक इंदारा कुएं अब पूरी तरह से साथ छोड़ गए हैं। संकरी गलियों में मौजूद यह वह कुएं थे, जो पानी से हमेशा लबालब रहते थे। पाइप्ड वॉटर सप्लाई क्या शुरू हुई हमने इन प्राकृतिक कुओं को कूड़े से ही पाट डाला। नब्बे के दशक में तत्कालीन नगर विकास मंत्री लाल जी टंडन ने इन कुओं को पुनर्जीवित कर इनमें बोरिंग करा कर जलापूर्ति शुरू कराई। निजाम बदला और देखरेख के अभाव में कुएं फिर सूखने लगे। लगभग डेढ़ दशक पहले राजधानी में करीब 27 इंदारा कुओं से जलापूर्ति की जाती थी। दो-दो घटे सुबह-शाम जलकल विभाग इन पुराने कुओं से क्षेत्र में जलापूर्ति करता था। पानी मिला तो लालच भी बढ़ने लगा और कुओं से चार-पाच घटे आपूर्ति की जाने लगी। नतीजा यह हुआ कि जल स्तर नीचे जाने लगा, जिससे कुएं सूखने लगे। जलकल अभियंता बताते हैं कि कदम रसूल वार्ड के अशफाक उल्ला नगर में मौजूद कुआ महीने भर पहले तक लोगों की प्यास बुझा रहा था। जल स्तर नीचे गया तो कुएं से पानी छूट गया। आज आलम यह है कि पुनर्जीवित किए गए सभी कुएं सूख चुके हैं और इनमें लगे ताले प्यासे लोगों को मुंह चिढ़ा रहे हैं। राजधानी में कब्जों ने पी लिए कुएं और तालाब, खतरे में जल निकायों का अस्तित्व यह भी पढ़ें जलकल विभाग की पूर्व महाप्रबंधक राजीव बाजपेई कहते हैं कि इंदारा कुएं ज्यादातर संकरी गलियों या घनी आबादी के बीच थे। बड़े कुओं को इंदारा कहा जाता था। पुराने लखनऊ की तंग गलियों में मौजूद ऐसे कुओं को लोगों ने कूड़ा घर बना दिया था। कई जगह कब्जे भी हो गए थे। दरअसल यह कुएं ऐसे स्थानों पर थे जहा पानी की दिक्कत थी। जलकल द्वारा की जाने वाली सप्लाई यहा पहुंच नहीं पाती थी और नलकूप बनाने की जगह नहीं थी। ऐसे में इलाके में पानी के संकट को खत्म करने के लिए लालजी टंडन ने इनकी सफाई करा कर पुनर्जीवित कराने का काम शुरू किया। कुओं की सफाई कर उसमें बोरिंग की गई। आस-पास के 150-200 घरों तक कुएं से आपूर्ति होने लगी। धीरे-धीरे जल स्तर सरकने लगा। साथ ही लालच बढ़ा और कुओं से लगातार पानी लिया जाने लगा। जबकि कुओं में पानी रुक-रुक कर आता है। नतीजा यह हुआ कि कुएं सूखने लगे। जलकल विभाग जोन तीन के अवर अभियंता अरूण सिंह बताते हैं कि अशफाक उल्ला नगर में मोहन मीकिंस के पीछे बने इंदारा कुएं से तो बीते माह तक आपूर्ति की जा रही थी। लेकिन अब इसमें पानी नहीं है। इसी तरह पुराने शहर के विभिन्न इलाकों में मौजूद कुएं भी अब सूख चुके हैं। गोमती के पानी में आशिक सुधार : गोमती नदी में शारदा नदी का पानी मिलने से अब आशिक सुधार नजर आ रहा है। तीन दिन पहले हुई बारिश का पानी भी पीछे से गोमती से आने से नदी की गंदगी छंट गई है। मंगलवार को गऊघाट पंम्पिंग स्टेशन पर पानी की गुणवत्ता में सुधार नजर आया। जलकल महाप्रबंधक एसके वर्मा ने बताया कि मंगलवार को पानी की गुणवत्ता में कुछ और सुधार नजर आया है, लेकिन अभी गोमती नदी में गंदगी है, बस शारदा नदी और पानी का पानी गोमती नदी में मिलने से गंदगी कम हुई है। दो तीन दिन में और सुधार की संभावना है। गोमती नदी का लेबल कम होने और शारदा नदी का पानी न छोड़े जाने से ऐशबाग और बालागंज जलकल से होने वाली पेयजल आपूर्ति दूषित थी। पानी में झाग और बदबू आ रही थी। दो कौड़ी का निकला सवा करोड़ का पंप, पुराने इलाके में गहराया जल संकट- सामने आई ये खामिया यह भी पढ़ें संतोषी माता मंदिर कुंडरी में पानी पीने योग्य नहीं : बीते एक माह से कुंडरी रकाबगंज संतोषी माता मंदिर और आसपास क्षेत्र के लोग सीवर का बदबूदार पानी पीने को मजबूर हैं। हाल यह है कि सुबह और शाम को लोग पानी के लिए दूरदराज लगी टंकियों और हैंडपंप से पीने के लिए पानी ढोने को मजबूर हैं। आलम यह है कि नल खोलते ही सीवर का बदबूदार पानी आने लगता है। शिवम अग्रवाल बताते हैं कि यहा पाइप लाइन क्षतिग्रस्त है जैसे ही पानी की आपूर्ति शुरू होती है। सीवर का गंदा पानी आने लगता है। यह रोज की समस्या है। पहले सुपरवाइजर रामकुमार सिंह आकर इसे साफ करा देते थे। अब यहा कोई झाकने नहीं आता है। करीब महीने भर से यह समस्या बनी हुई है। शिकायतों के बाद भी इस ओर किसी भी जिम्मेदार ने आने की जहमत नहीं उठायी है। अश्रि्वनी साहू बताते हैं कि डयूटी से आते ही पहले पानी ढोना शुरू किया जाता है उसके बाद अन्य काम। इसके स्थायी हल की बात कहते हुए आने वाले सुपरवाइजर इस्टीमेट बना इसे पूरी तरह दुरुस्त कराने का आश्वासन देते हैं, लेकिन बरसों पुरानी इस समस्या का आज तक स्थायी हल नहीं निकला है। राजाजीपुरम में दो माह से हो रही है दूषित जलापूर्ति : गोमती नदी का गंदा पानी तो दूषित जलापूर्ति का कारण है ही लेकिन राजाजीपुरम में दो माह से गंदा पानी नलों से आ रहा है। पानी में इतनी अधिक बदबू है, जिससे लगा रहा है कि उसमे सीवर मिल रहा है। जलकल के अभियंताओं से शिकायत के बाद भी कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है। राजाजीपुरम में ई-3947 व आसपास के घरों में दो माह से गंदा पानी नलों से आ रहा है। स्थानीय निवासी संगीता रस्तोगी ने बताया कि दो माह से गंदा पानी नल से आ रहा है। पानी पीना तो दूर दूसरे काम भी नहीं हो पा रहे हैं। इंदारा मतलब बड़ा कुआ : पतली लखौरी ईंटों से बने इंदारा कुएं ऐसे बड़े कुएं होते थे, जिनमें चार-पाच गरारी होती हैं। एक बार में पाच-छह लोग एक साथ पानी भर सकते थे। यह कहना है इतिहासविद योगेश प्रवीन का। वह बताते हैं कि गौसनगर में शिवाला के पास भी एक इंदारा कुआ था जो अब सूख चुका है। वह कहते हैं कि पुराने शहर में ऐसे बहुत से कुएं थे। इनके नाम से मुहल्लों के नाम तक पड़े जैसे लाल कुआ, छाछी कुआ, कंकड़ कुआ, घैला कुआ, भोलानाथ कुआ आदि। यहा हैं इंदारा कुएं : छोटा इमामबाड़े के पीछे चरक कुआ, मोहिनीपुरवा, हुसैनगंज, ऐशबाग पीले कालोनी, आइटी कालोनी ऐशबाग, राजकीय आइटीआइ अलीगंज, छपरतल्ला बड़ा चादगंज, डालीगंज इक्का स्टैंड, बरोलिया मनकामेश्वर मंदिर वार्ड, खदरा, कुम्हारन टोला, ठाकुर द्वारा, हसनगंज।

सैकड़ों लोगों की प्यास बुझाने वाले ऐतिहासिक इंदारा कुएं अब पूरी तरह से साथ छोड़ गए हैं। संकरी गलियों में मौजूद यह वह कुएं थे, जो पानी से हमेशा लबालब रहते थे। पाइप्ड वॉटर सप्लाई क्या शुरू हुई हमने इन …

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मॉडर्न बस टर्मिनल पर ‘स्मार्ट सुविधाएं’ आज से, जानें क्या है खासियत

मुख्यमंत्री ने मंगलवार (12 जून) को एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं वाले आलमबाग बस स्टेशन की शुरुआत की। इसे जनता को समर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि यह बस स्टेशन प्रदेश ही नहीं, देश का उत्कृष्ट बस अड्डा है। 235 करोड़ की लागत से बनकर तैयार इस आलमबाग बस टर्मिनल में वातानुकूलित प्रतीक्षालय बनाया गया है तो सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सेंसरयुक्त शौचालय, बेहतरीन बाथरूम के साथ ही शॉपिंग सेंटर और बेहतरीन पार्किंग व्यवस्था भी मिलेगी। 64 क्लोज सर्कि ट कैमरे लगाए गए हैं। इनमें कई रोटेटिंग कैमरे हैं। मिस्ट पंखों की हवा में इंतजार: पुराने लखनऊ में जुलाई से लगेंगे स्मार्ट मीटर यह भी पढ़ें मिस्ट पंखे (पानी की फुहार के साथ हवा देने वाला खास पंखा)से निकलती हवा के बीच यात्री बस का इंतजार कर सकेंगे। आप एसी फूड कोर्ट में बैठकर मनचाहे नाश्ते का लुत्फ उठा सकेंगे। फूड कोर्ट में स्क्रीन पर बस की जानकारी भी मिलेगी। मेट्रो स्टेशन से सीधे प्रवेश : आमतौर पर चारबाग और आसपास के क्षेत्रों में लगने वाले जाम से बचने के लिए यात्री सीधे चारबाग से वाया मेट्रो बस स्टेशन तक पहुंच सकते हैं। बिना जाम में फंसे बस पकड़नी है तो वह आलमबाग बस स्टेशन पर उतर सकते हैं। लिफ्ट की भी व्यवस्था : स्मार्ट पार्किग के होंगे स्मार्ट सॉल्यूशन यह भी पढ़ें आलमबाग बस स्टेशन पर एसी फूड कोर्ट के अलावा बैंकिंग की भी सुविधा मिलेगी। तो वहीं अन्य सेवाओं के लिए किसी भी मंजिल पर पहुंचने के लिए बस यहा पाच लिफ्ट की भी लगाई गई हैं। सीएम ने प्रवर्तन दलों के लिए 40 नए आए वाहनों को फ्लैग ऑफ किया। इससे उन्हें जाच में कोई असुविधा नहीं होगी। आलमबाग बस अड्डे का निर्माण पीपी मॉडल पर किया गया है। निर्माण कराने वाले शालीमार बिल्डर्स के वाइस प्रेसीडेंट प्राजल सिंह का कहना है कि शालीमार बिल्डर्स 32 साल तक बस अड्डे का संचालन करेगा। यहा एक मॉल के निर्माण के साथ ही अन्य व्यावसायिक निर्माण भी होंगे। 'बेहतरीन है आलमबाग टर्मिनल' : निर्माण एजेंसी शालीमार कॉर्प के निदेशक कुणाल सेठ ने कहा कि यह आधुनिक युग का एक ट्राजिट स्टेशन है। लखनऊ जैसे शहर के लिए यह बस स्टेशन महत्वपूर्ण होगा। इसका एक उद्देश्य यह भी है कि इसके संचालन से चारबाग क्षेत्र में होने वाली भीड़ से काफी हद तक राहत मिलेगी। वहीं बन रहे मॉल की शुरुआत 2019 में होगी। रक्षाबंधन पर महिलाओं को मुफ्त सेवा देने पर रोडवेज की सराहना : सीएम ने रक्षाबंधन पर दूरदराज से आने वाली महिलाओं के लिए मुफ्त यात्र सुविधा देने के लिए परिवहन निगम और प्रबंध निदेशक पी. गुरुप्रसाद की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा आयोजन था। बिना घाटे की परवाह किए निगम ने रक्षाबंधन पर्व पर 85,092 महिलाओं को सेवा दी। इन बस स्टेशनों का होगा निर्माण व पुनर्निर्माण : जालौन के उरई, कुशीनगर के कसया, अलीगढ़ के मसूदाबाद, बुलंदशहर के डिबाई, संत रविदास नगर के औराई, अंबेडकरनगर के टाण्डा, गाजियाबाद के कौशाबी, संतकबीरनगर के मेंहदावल, कन्नौज के छिबरामऊ, मुजफ्फरनगर के पुरकाजी, अलीगढ़ के अतरौली, पीलीभीत के बीसलपुर, फरुखाबाद के कायमगंज, हमीरपुर के राठ, गोंडा के मनकापुर, औरैया के दिबियापुर, मुरादाबाद के काठ, बस्ती के रुधौली, हरदोई के संडीला, कासगंज, बागपत व बलिया। 395 एसी सेवाएं चलेंगी : प्रबंध निदेशक पी. गुरुप्रसाद के मुताबिक 395 एसी सेवाओं को लिया जा रहा है। आरएम पल्लव बोस ने बताया कि एक माह में 722 बसों को यहा से संचालित करने की योजना है। ईद के त्योहार के चलते पहले से सीट आरक्षित कराने वाले यात्रियों की समस्याओं को देखते हुए हफ्तेभर बाद संचालन सुचारु होगा। समारोह में अपर प्रबंध निदेशक ब्रह्मदेव राम तिवारी, अपर परिवहन आयुक्त आशुतोष मोहन अग्निहोत्री, वीके सिंह, अरविंद कुमार पाडेय, मुख्य प्रधान प्रबंधक (प्रशासन) कर्मेन्द्र सिंह, सीजीएम जयदीप वर्मा, एचएस गाबा, प्रधान प्रबंधक अनंग मिश्र के अलावा शालीमार निर्माण एजेंसी के वाइस प्रेसीडेंट एके मिश्र समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। पीपीपी मॉडल पर होगा इन बस टर्मिनल का विकास - लखनऊ-चारबाग, गोमतीनगर - फैजाबाद - फैजाबाद बस स्टेशन - रायबरेली-रायबरेली बस स्टेशन - गाजियाबाद-कौशाम्बी एवं गाजियाबाद - कानपुर-झकरकटी सेंट्रल बस स्टेशन - वाराणसी- कैंट बस स्टेशन - आगरा-फोर्ट, ट्रासपोर्टनगर - मेरठ- सोहराबगेट एवं भैसाली - इलाहाबाद-सिविल लाइंस - गोरखपुर-गोरखपुर बस स्टेशन - अलीगढ़-रसूलाबाद बस स्टेशन - बुलंदशहर-नवीन भूमि बस स्टेशन - मथुरा-पुराना बस स्टेशन - गढ़मुक्तेश्वर- नवीन भूमि - बरेली-सेटेलाइट बस स्टेशन।

मुख्यमंत्री ने मंगलवार (12 जून) को एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं वाले आलमबाग बस स्टेशन की शुरुआत की। इसे जनता को समर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि यह बस स्टेशन प्रदेश ही नहीं, देश का उत्कृष्ट बस अड्डा है। 235 करोड़ की …

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छपरा के लिए नई ट्रेन अक्टूबर से, रेलवे बोर्ड ने दी नई ट्रेन की सौगात

लखनऊ से छपरा तक की यात्रा करने वाले स्थानीय लोगों के लिए राहत भरी खबर है। रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) को एक और नई ट्रेन की सौगात दी है। रेल बजट में घोषित 15113/15114 नंबर की नई लखनऊ-छपरा-लखनऊ एक्सप्रेस गोरखपुर के रास्ते सप्ताह में तीन दिन चलेगी। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव के अनुसार इस नई ट्रेन का नियमित रूप से संचालन अक्टूबर से शुरू होगा। इस ट्रेन में जनरल के 10, स्लीपर के 6 और एसी थर्ड टियर के 2 कोच लगाए जाएंगे। - 15113 नंबर की एक्सप्रेस ट्रेन लखनऊ जंक्शन से 11 अक्टूबर से प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को चलाई जाएगी। लखनऊ जंक्शन से यह ट्रेन रात 8.25 बजे से रवाना होकर बादशाहनगर से 9.00 बजे से छूटकर बाराबंकी, गोंडा, मनकापुर, बस्ती होते हुए दूसरे दिन रात 2.25 बजे गोरखपुर पहुंचेगी। यह ट्रेन कप्तानगंज से भोर में 3.15 बजे से, पडरौना से सुबह 4.115 बजे से, तमकुही रोड से 05.02 बजे, थावे से 06.45 बजे से चलकर 10.00 बजे छपरा कचहरी पहुंचेगी। नहीं मिला स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस में आरक्षण तो न लें टेंशन, स्कैनिया पहुंचाएगी दिल्ली यह भी पढ़ें - 15114 नंबर की एक्सप्रेस ट्रेन छपरा कचहरी स्टेशन से प्रत्येक मंगलवार, गुरुवार और रविवार को चलाई जाएगी। यह ट्रेन छपरा कचहरी से शाम 6.00 बजे से रवाना होकर थावे, तमकुही, पडरौना और कप्तानगंज होते हुए दूसरे दिन रात 1.10 बजे गोरखपुर पहुंचेगी। यहा से चलकर बस्ती से 2.30 बजे से छूटकर मनकापुर, गोंडा और बादशाहनगर होते हुए सुबह 8.15 बजे लखनऊ जंक्शन पहुंचेगी। आठ अक्टूबर तक चलेगी स्पेशल ट्रेन : मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार गोरखपुर के रास्ते लखनऊ जंक्शन से छपरा के बीच चल रही 05065/05066 नंबर की स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन का संचलन जारी रहेगा। यह स्पेशल ट्रेन आठ अक्टूबर तक पूर्व निर्धारित तिथि, ठहराव और समय के अनुसार चलेगी। नौ नवंबर से इसका संचलन बंद हो जाएगा। प्रदूषण रोकने में भी मदद करेगा एलडीए, अब करना होगा इन नियमों का पालन यह भी पढ़ें दक्षिण भारत दर्शन ट्रेन दो से : आइआरसीटीसी दो जुलाई से दक्षिण भारत दर्शन यात्र ट्रेन चलाएगा। यह यात्र 11 रात और 12 दिन की होगी। दक्षिण भारत दर्शन ट्रेन दो जुलाई को रवाना होकर वापस 13 जुलाई को आएगी। इस ट्रेन में यात्रियों को तीन समय का शाकाहारी भोजन, स्थानीय भ्रमण और ठहरने के लिए लॉज की व्यवस्था आइआरसीटीसी करेगा। इस यात्र के अंतर्गत मदुरई (मीनाक्षी मंदिर), रामेश्वरम, त्रिवेंद्रम (पदमनाभम मंदिर), कन्याकुमारी, तिरूचिरापल्ली (रंगनाथ स्वामी मंदिर) और रेनूगुंटा (तिरूपति बालाजी मंदिर) के दर्शन कराया जाएगा। स्लीपर क्लास में यात्र का यह पैकेज 11340 रुपये में होगा। इस टेन में लखनऊ के अलावा वाराणसी, जौनपुर, शाहगंज, अकबरपुर, अयोध्या, बाराबंकी, कानपुर और झासी से भी यात्र शुरू करने की व्यवस्था होगी।

लखनऊ से छपरा तक की यात्रा करने वाले स्थानीय लोगों के लिए राहत भरी खबर है। रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) को एक और नई ट्रेन की सौगात दी है। रेल बजट में घोषित 15113/15114 नंबर की नई लखनऊ-छपरा-लखनऊ …

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टोंटी लेकर पहुंचे अखिलेश ने कहा, सरकार बंगला तोड़ने का अारोप लगाकर बदनाम कर रही

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर उनको बदनाम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुझे जैसा आवास मिला था मैने वैसा ही सरकार को सौंपा था। हमारे घर छोड़ने के बाद कोई व्यक्ति घर में खुली शर्ट पहनकर इनोवा गाड़ी से गया था उसी ने पूरी स्कि्प्ट रची है। मैं तो उस घर से केवल अपना समान ले गये हैं। अखिलेश ने कहा कि राज्यपाल बहुत अच्छे अादमी हैं उनके ऊपर कभी-कभी 'अारएसएस की अात्मा' आ जाती है तो मैं क्या कर सकता हूं। उनको किसी ने बता दिया कि हमारे घर के निर्माण में 42 करोड़ खर्च हुये। तभी उन्होंने सरकार को पत्र लिखा है। View image on Twitter View image on Twitter ANI UP ✔ @ANINewsUP Wooden flooring along with many things in bungalow are intact. One damaged corner of house was photographed in way to make it look like house was left in a bad state. Log pyaar mein andhe hote honge par jalan aur nafrat mein andhe hote hain yeh meine dekha hai: Akhilesh Yadav 12:22 PM - Jun 13, 2018 108 95 people are talking about this Twitter Ads info and privacy अाज दोपहर सपा कार्यालय में प्रेस वार्ता करते समय अखिलेश यादव नल की कुछ टोटियां लेकर पहुंचे। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं आज सरकार को टोंटी वापस करने आया हूं। हर इंसान अपने हिसाब से अपना घर बनाता है। अगर मुझे कुछ पसंद है तो वो अपने पैसों से करूंगा। दूसरों के पैसों से अपनी पसंद को पूरा नहीं किया जा सकता है। अखिलेश यादव ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर वो घर मिला तो अपने हिसाब से उसे बनाया था। सपा अध्यक्ष ने कहा कि घर की टोंटी कौन निकालता है। नशेड़ी – गंजेड़ी निकालते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को यह देखना चाहिए कि कौन-कौन लोग मेरे जाने के बाद उस बंगले में गए थे। अखिलेश ने साफ कहा कि सीएम योगी के ओएसडी गए थे कि नही। मृत्युंजय नारायण वहां गए थे। जिन्होंने टोंटी ढूंढ ली वहां जाकर वो गांजा भी ढूंढ लेंगे। वहां सब कुछ ऐसा बना था कि वो वापस ले जा सकूं। ऐसी फोटो ली गई कि जहां से घर उजड़ा हुआ दिखे। गुस्से और जलन में अंधे हो गए लोग। अखिलेश यादव ने कहा कि मेरे बैडरूम में कोई तोड़फोड़ नहीं हुई। मेरे बारे में जो भी टीवी पर दिखाया गया, सब गलत है। आलीशान बंगले को खंडहर जैसा बनाने को लेकर सपा-भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप यह भी पढ़ें अखिलेश ने कहा कि हमें अब रिपोर्ट आने का इंतज़ार है। संपत्ति विभाग के लोग इन्वेंट्री क्यों नही लिए थे। एक भी सरकारी चीज गायब हुई तो वापस कर देंगे। ये सरकार हमारे काम से जली-भुनी है। हमने वर्ल्ड क्लास एक्सप्रेस वे बनाया, हमनें डायल 100 दिया। वर्ल्ड क्लास स्टेडियम दिया। हमनें लैपटॉप दिया हमने लेकिन सब भूल गए। हमने अपने संसाधनों से बच्चों को लैपटॉप दिया लेकिन बीजेपी वाले टोंटी को लेकर हमारे पीछे पड़ गए। मुख्यमंत्री आवास में मैंने जाली लगवाई तो खुद के पैसे से, वहां मंदिर बनवाया, झूमर लाइट अपने पैसे से लगवाए थे। उन्होंने कहा कि सरकार मेरा मंदिर वापस कर दे। मेरी सरकार आएगी तो मैं भी घर दिखाने ले जाऊंगा। अधिकारी तो वही रहेंगे। सपा अध्यक्ष ने कहा कि मेरा और मायावती जी का आवास खाली करा लिया गया। सुप्रीम कोर्ट का फैसला है लेकिन सरकार साजिश करती है। ये सब उपचुनाव हारने का नतीजा है। फिटनेस चैलेंज पर अखिलेश ने कहा कि मुझसे कोई खेल खेलकर दिखाएं, सबमें हरा दूंगा। आलमबाग बस स्टैंड किस विधायक का सपना था। अखिलेश ने कहा कि हमने तो जनता के लिए मेट्रो बनाई, एक्सप्रेसवे बनाया जो इस सरकार को पसंद नहीं आ रहा है। अखिलेश ने कहा कि दो निर्दोष जिलाधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। जहां खनन हो रहा, वहां सरकार की नजर नहीं जाती है। इसके राज्यपाल रामनाईक ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा राजधानी के चार, विक्रमादित्य मार्ग पर आवंटित सरकारी आवास को खाली करने से पूर्व उसमें की गई तोडफ़ोड़ और क्षतिग्रस्त करने को अनुचित ठहराया था। यह मामला मीडिया तथा जनमानस में चर्चा का विषय है।राज्यपाल ने कहा कि यह नितान्त अनुचित और गंभीर मामला है। पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित किये गए सरकारी आवास राज्य संपत्ति की श्रेणी में आते हैं। इनका निर्माण व रखरखाव सामान्य नागरिकों के विभिन्न प्रकार के करों से होता है। लिहाजा राज्य संपत्ति को क्षति पहुंचाना ठीक नहीं।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर उनको बदनाम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुझे जैसा आवास मिला था मैने वैसा ही सरकार को सौंपा था। हमारे घर छोड़ने के बाद कोई …

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