नई दिल्ली। सीबीआइ ने 16 लोगों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के खिलाफ इंटरनेट मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट करने का मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि सीबीआइ ने राज्य सीआइडी से मामले की जांच अपने हाथों में ले ली है। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ बी राजशेखर की शिकायत पर राज्य सीआइडी द्वारा दर्ज 12 मामले की जांच कर रही है।

शिकायतकर्ता हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने आरोप लगाया है कि आंध्र प्रदेश में प्रमुख पदों पर काबिज प्रमुख कर्मी जान बूझ कर कुछ फैसलों, आदेशों को लेकर न्यायाधीशों को निशाना बना रहे हैं। इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के कुछ न्यायाधीशों पर साक्षात्कार, पोस्ट, भाषण एवं भ्रष्ट होने के आरोप लगाए हैं। फेसबुक, ट्विटर इंटरनेट मीडिया पर न्यायाधीशों के खिलाफ गालियां और जान लेने की धमकी दी गई है।12 अक्टूबर को हाई कोर्ट ने सीबीआइ को मामले की जांच करने और आठ सप्ताह में सील कवर में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। इस मामले की अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी।
कोरोना टेस्ट की अधिकतम फीस तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दस्तक-
वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण की पहचान के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट की अधिकतम फीस पूरे भारत में एक समान सुनिश्चित करने के लिए सु्प्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इसमें मांग की गई है कि केंद्र और राज्य सरकारों को इसके लिए दिशा-निर्देश दिए जाएं। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट सरकारों को निर्देश दे कि आरटी-पीसीआर (रीयल टाइम रिवर्स ट्रांसक्रिप्शिन पॉलीमर चेन रीएक्शन) टेस्ट की अधिकतम कीमत पूरे देश में सिर्फ 400 रुपये निर्धारित कर दी जाए। फिलहाल देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसका अधिकतम मूल्य 900 रुपये से लेकर 2800 रुपये तक है। यह कीमतें सरकारों ने ही तय की हैं।
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