चीन के दबाव में घुटने टेकते हुए पाकिस्तान ने चार रोज में ही ईरान के साथ सभी क्षेत्रों में साथ कार्य करने की इच्छा जताई है। पाकिस्तान की कामचलाऊ सरकार के विदेश मंत्री जलील अब्बास जीलानी ने अपने ईरानी समकक्ष हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियान से शुक्रवार शाम टेलीफोन वार्ता में अपने देश की इच्छा का इजहार किया। इससे पहले पाकिस्तान सरकार के मंत्रिमंडल ने ईरान के साथ पैदा हुए गतिरोध को खत्म करने का फैसला किया।
कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार उल हक काकर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ईरान के साथ पूर्व की भांति कूटनीतिक रिश्ते कायम करने का भी निर्णय लिया गया। इस्लामाबाद में शुक्रवार सुबह देश के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के उच्चपदस्थ लोगों की बैठक में ईरान के साथ संबंधों में तनाव न बढ़ाने का निर्णय लिया गया। बैठक में कहा गया कि दोनों देशों ने आतंकियों के ठिकानों पर हमले किए हैं, न कि सैन्य अड्डों या नागरिक ठिकानों पर। इसलिए विवाद को लंबा खींचने से बचा जाना चाहिए।
बैठक में ताजा स्थिति, उसके दूरगामी परिणामों और क्षेत्रीय स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यवाहक प्रधानमंत्री काकर की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की इस बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भी हिस्सा लिया। इससे पहले गुरुवार को ईरान ने कहा था कि पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ वह अच्छे रिश्ते चाहता है। मंगलवार देर रात पाकिस्तानी सीमा में ईरान के हमले और उसके बाद गुरुवार सुबह पाकिस्तान के पलटवार के बाद दोनों देशों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। इन हमलों में बलूच चरमपंथियों के तीन संगठनों को दोनों देशों ने निशाना बनाया था। ये संगठन ईरान के सिस्तान प्रांत और पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत को मिलाकर एक स्वतंत्र देश बनाना चाहते हैं।
क्षेत्रीय लोगों की स्वतंत्र देश की मांग बहुत पुरानी है। पाकिस्तान इस मांग को दशकों से ताकत के बल पर कुचल रहा है। ईरान ने पाकिस्तान के भीतर जैश अल अद्ल नामक संगठन के ठिकाने को निशाना बनाया था। इस हमले में दो लड़कियों के मारे जाने की जानकारी दी गई थी। जबकि पाकिस्तान ने ईरान के सीमावर्ती क्षेत्र में बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के ठिकानों को निशाना बनाया था। इस हमले में नौ लोग मारे गए थे।
राजदूत को तेहरान भेजेगा पाकिस्तान
पाकिस्तानी मंत्रिमंडल के निर्णय के तहत तेहरान में पाकिस्तान के राजदूत को भेजा जाएगा और ईरानी राजदूत को इस्लामाबाद आने की अनुमति दी जाएगी। मंगलवार को ईरानी हमले के बाद पाकिस्तान सरकार ने तेहरान से अपना राजदूत बुला लिया था और तेहरान गए ईरान के राजदूत को वापस आने की अनुमति नहीं दी थी।
पाकिस्तान में आठ फरवरी को ही होंगे चुनाव
ईरान के साथ संबंधों में आए तनाव का असर पाकिस्तान में आठ फरवरी को होने वाले चुनाव पर नहीं पड़ेगा। यह बात पाकिस्तान के चुनाव आयोग और कामचलाऊ सरकार ने कही है। आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चुनाव कराने के लिए मशीनरी कार्य कर रही है। चुनाव कार्यक्रम की समीक्षा का कोई प्रस्ताव नहीं है।