रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले सप्ताह ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में नहीं जाएंगे क्योंकि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आइसीसी) द्वारा उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट लंबित है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव रूस का प्रतिनिधित्व करने के लिए सम्मेलन में जाएंगे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी इसमें भाग नहीं लेंगे।
अगर इन रिपोर्टों की पुष्टि हो जाती है तो 12 साल पहले पदभार संभालने के बाद ऐसा पहली बार होगा जब वह सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। हांगकांग स्थित साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट के अनुसार, चीनी प्रधानमंत्री और शी के विश्वासपात्र ली कियांग इसमें भाग लेंगे।
उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समूह ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इस समूह में पांच अतिरिक्त सदस्य मिस्त्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल किए गए हैं।
पुतिन के खिलाफ 2023 में जारी किया गया था गिरफ्तारी वारंट
बहरहाल, रूसी विदेश नीति से संबद्ध वरिष्ठ अधिकारी यूरी उशाकोव ने कहा कि आइसीसी ने रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू करने के ठीक एक साल बाद वर्ष 2023 में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। पुतिन पर यूक्रेन से सैकड़ों बच्चों को निर्वासित करने के युद्ध अपराध का आरोप लगाया गया था।
हालांकि, रूस ने युद्ध अपराधों के आरोपों से इनकार किया है और क्रेमलिन ने इस वारंट को अमान्य करार दिया है। इसका मतलब यह है कि पुतिन को इस जोखिम का आकलन करने की आवश्यकता है कि अगर वह आइसीसी की स्थापना से संबंधित संधि पर हस्ताक्षर करने वाले किसी अन्य देश की यात्रा करते हैं तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि क्रेमलिन ने इस संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
पुतिन ने 2023 में भी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका की यात्रा नहीं करने का फैसला किया था। लेकिन, पिछले साल मंगोलिया में उनका शानदार स्वागत किया गया, जबकि वह आइसीसी का सदस्य देश है।
बहरहाल, उशाकोव ने कहा कि पुतिन 6-7 जुलाई को ब्राजील में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में वीडियो लिंक के जरिए हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा, ”आइसीसी की जरूरतों के संदर्भ में कुछ कठिनाइयों के कारण ऐसा हुआ है। उस संदर्भ में ब्राजील सरकार कोई स्पष्ट रुख नहीं अपना सकी है, जिससे हमारे राष्ट्रपति इस बैठक में भाग ले सकें।”