श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने अपने देश में हुए आतंकी हमलों को लेकर बड़ी बात कही है। शुक्रवार को यह स्वीकार किया कि एक मित्र देश से इस संबंध में इंटेलिजेंस रिपोर्ट मिली थी, लेकिन सुरक्षा अधिकारियों ने यह रिपोर्ट उन तक नहीं पहुंचाई। राष्ट्रपति के आरोपों के बाद श्रीलंका पुलिस प्रमुख पुजीत जयसुंदरा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार को राष्ट्रपित सिरीसेना ने रक्षा सचिव हेमसिरी फर्नांडो और पुलिस प्रमुख पुजीत जयसुंदरा को इस्तीफा देने को कहा था। श्रीलंका सरकार ने स्वीकार किया था कि खुफिया सूचना के बाद भी आतंकी हमले का होना सुरक्षा में बड़ी चूक थी। श्रीलंका पिछले दिनों हुए सिलसिलेवार बम धमाकों से पहले ही भारत ने इस संबंध में इंटेलिजेंस रिपोर्ट श्रीलंका को सौंपी थी। इस रिपोर्ट में श्रीलंका में आतंकवादी घटना को अंजाम दिए जाने के बारे में स्पष्ट संकेत थे। साथ ही सिरिसेना ने कहा कि गृह युद्ध के बाद सैन्य खुफिया अधिकारियों पर मुकदमे चलने की वजह से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा भी कमजोर हुई है। सरकार को ईस्टर के मौके पर हुए आतंकी हमलों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने होटल पर हमले के दौरान श्रीलंका के कट्टरपंथी मौलवी हाशिम के मारे जाने की जानकारी दी।सीरियल ब्लास्ट की जानकारी देते हुए राष्ट्रपति सिरिसेन ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां 140 संदिग्ध ISIS आतंकियों की तलाश में हैं। ईस्टर संडे के दौरान चर्च और होटल में हुए सीरियल ब्लास्ट से अब तक 253 लोगों की मौत पुष्टि सरकार ने की है।
ये है मृतकों का आधिकारिक आंकड़ा- श्रीलंका में पिछले रविवार को ईस्टर के मौके पर हुए भीषण आतंकी हमलों में मृतकों के आंकड़े में बदलाव किया गया है। श्रीलंकाई अधिकारियों ने इस हमले मे 253 लोगों के मौत की पुष्टि की है। यह संख्या पिछले आंकड़े के मुकाबले लगभग 100 कम है। पहले यह आंकड़ा 359 था। श्रीलंका ने मृतकों की पहले बताई गई संख्या को दोषपूर्ण गिनती करार दिया है।
मुर्दाघर से मिला गलत डाटा- श्रीलंका के डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर रूवान विजवर्दिन ने इसके लिए मुर्दाघर द्वारा उपलब्ध कराए गए गलत डाटा को दोषी बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि घटनास्थल से शरीर के अंगों की पहचान करने में काफी कठिनाई हुई। इस वजह से पहले गलत आंकड़े जारी हो गए थे।
ISIS ने ली हमलों की जिम्मेदारी- अतंरराष्ट्रीय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट समूह (ISIS) ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है। इसने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें आठ लोगों को दिखाया गया था, लेकिन सभी अपने चेहरे ढके हुए थे। ये लोग एक काले इस्लामिक स्टेट के झंडे के नीचे खड़े थे और अपने नेता अबू बक्र अल-बगदादी के प्रति अपनी वफादारी की घोषणा कर रहे थे। हालांकि, सरकार का कहना है कि इसमें स्थानीय इस्लामिक आतंकी संगठन नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) का हाथ है। गुरुवार को 16 और संदिग्धों की गिरफ्तारी के साथ पुलिस अब तक इस मामले में कुल 76 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
38 विदेशियों की भी हुई थी मौत- इन हमलों में ज्यादातर पीड़ित श्रीलंकाई लोग थे, हालांकि अधिकारियों ने कहा है कि इन धमाकों में लगभग 38 विदेशियों की भी मौत हुई है। मृतकों में 11 तो भारतीय ही शामिल थे। इनमें ब्रिटिश, अमेरिकी, ऑस्ट्रेलियाई, तुर्की, चीनी, डच और पुर्तगाली नागरिक शामिल थे। इसमें लगभग 500 लोग घायल हुए हैं। श्रीलंका में अब भी खतरा टला नहीं है। इस वजह से ब्रिटेन ने गुरुवार को अपने नागरिकों को इस देश की यात्रा न करने की चेतावनी जारी कर दी है।