भारत में वाहनों का मॉडिफिकेशन कराने के लिए कड़े नियम हैं। अगर आप ट्रैफिक पुलिस के नियमों का उल्लंघन करते हुए मॉडिफिकेशन कराते हैं, तो ऐसी स्थिति में आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
गाड़ी में किसी भी प्रकार का संशोधन, चाहे वह बॉडी का रंग हो या आफ्टरमार्केट बॉडी किट, कुछ गंभीर परिणाम दे सकता है और यहां तक कि इसकी वजह से वाहन का RC भी कैंसल किया जा सकता है। आइए, 3 रोड-लीगल मॉडिफिकेशन के बारे में जान लेते हैं।
Tyres
अधिकांश मोटरसाइकिलें ऐसे टायरों के साथ आती हैं, जो बेहतर प्रदर्शन करती हैं। हालांकि, कुछ राइडर अधिक क्षमता वाले टायर चाहते हैं और यही वह जगह है जहां आफ्टरमार्केट टायर आते हैं। मोटरसाइकिल राइडर कानूनी तौर पर अपने टायरों को स्पोर्टियर/चिपचिपे टायरों में या रोड-बायस्ड टायरों से दोहरे उद्देश्य वाले टायरों में अपग्रेड कर सकते हैं। ऐसा करते समय हमेशा किसी पेशेवर का सुझाव जरूर लें।
सस्पेंशन
बाइक का सस्पेंशन सेटअप उसकी राइडिंग क्वालिटी पर काफी असर करता है। ऐसे में सस्पेंशन अपडेट करना कई बार परेशानी का सबब बन जाता है। आपको बता दें कि इसके आंतरिक हिस्से को सख्त या नरम स्प्रिंग्स के साथ अपग्रेड करना और मोटरसाइकिल के लिए अनुशंसित पूर्ण प्रतिस्थापन के लिए जाना पूरी तरह से कानूनी है। हालांकि इस प्रक्रिया से गुजरने से मैकेनिक से जरूर सलाह लें।
विंडस्क्रीन
आज के समय में विंडस्क्रीन एक कॉमन एक्सेसरीज बन चुका है। बाइक की मदद से लंबी दूरी तय करने के लिए क्रूज करने वाले लोगों के लिए विंडस्क्रीन काफी उपयोगी साबित होती है। आपको बता दें कि ये मॉडिफिकेशन पूरी तरह से लीगल है। कुछ पॉपुलर कंपनियां मोटरसाइकिल के विशेष निर्माण और मॉडल के लिए विंडस्क्रीन बनाती हैं। आप अपने लिए इनमें से कोई भी बेहतर प्रोडक्ट चुन सकते हैं।