विधानसभा चुनाव के ठीक पहले नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के प्रति लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) की तल्खी इन दिनों सुर्खियों में है। सीधे-सीधे वे नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के काम पर कड़वी टिप्पणी कर रहे हैैं। पिछले दिनों अपने नेताओं को उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग (VC) में कहा- चुनाव में हर स्थिति के लिए तैयार रहें। चिराग के इस रुख को विधानसभा चुनाव में अधिक सीट हासिल करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) का जवाब बहुत साफ है- वह एलजेपी को अपनी सीटें नहीं देगा, सीटों के बारे में वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) से बातचीत करे।
नोट करने वाली बात यह है कि चिराग की तल्खी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को लेकर अधिक रहती है। चिराग ने राज्य के कुछ जिलों की यात्रा के दौरान कानून और स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार की तीखी आलोचना की। गरीबों को मुफ्त अनाज के मामले पर चिराग के साथ केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) भी राज्य सरकार के प्रति सख्त हैं।
चिराग की नाराजगी की ये हैं दो मुख्य वजहें
चिराग की ताजा नाराजगी की दो वजहें मानी जा रहीं हैं। पहली- उन्हें संदेह है कि विधानसभा चुनाव में एलजेपी को लोकसभा चुनाव (LS Election) की उपलब्धियों के हिसाब से सीटें नहीं मिलेंगी। दूसरी- राज्यपाल कोटे से भरी जाने वाली विधान परिषद (Bihar Legislative Council) की 12 सीटों के मनोनयन के मामले में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सहयोगी के नाते उनकी राय नहीं मांगी जा रही है। इस मामले में जेडीयू और बीजेपी के नेता ही आपस में ही बात कर रहे हैं। वैसे, बिना किसी की राय मांगे, चिराग ने इन 12 सीटों में से दो की मांग की है। उनकी राय है कि बाकी बची 10 सीटें जेडीयू व बीजेपी बराबरी से बांट लें। जेडीयू उनकी राय को तरजीह नहीं दे रहा है। उसका कहना है-सीटें तो जेडीयू व बीजेपी के बीच ही बंटेगीं। बीजेपी चाहे तो अपने हिस्से की सीटों में से एलजेपी को भी दे दे।
चिराग की बातों की नोटिस नहीं लेते नीतीश कुमार
चिराग की नाराजगी की तीसरी वजह, जिसकी वे चर्चा नहीं कर रहे, यह है-मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी नोटिस नहीं लेते। पत्र भेजते हैं तो राज्य सरकार की ओर से पावती की सूचना भी नहीं दी जाती है।
डैमेज कंट्रोल में जुटे बीजेपी के भूपेंद्र यादव
चिराग की टिप्पणी पर विपक्षी दल मजा ले रहे हैं। उन्हें एनडीए में फूट की संभावना नजर आ रही है। बीजेपी के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव बीच बचाव की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने पिछले दिनों चिराग से भेंट की थी। बुधवार को वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिले। गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ बीजेपी के कई नेता बार-बार कह रहे हैं कि विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। बीजेपी भी सीटों की संख्या को लेकर जिस तरह से सावधान है उसने भी चिराग के गुस्से को बढ़ा दिया है।